• महिला और उसका एक साथी गिरफ्तार, हेड कांस्टेबल सहित तीन लोग फरार
आगरा। एक महिला के द्वारा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाकर उनकी वीडियो बना ली जाती थी। इसके बाद महिला और उसका गिरोह उन लोगों को वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर मोटा पैसा लेता था। जो लोग पैसा नहीं देते थे महिला पीड़िता बनकर उनकी शिकायत कर देती थी। एक व्यापारी से पैसा नहीं मिलने पर महिला ने खुद को पीड़िता बताकर डीसीपी सिटी कार्यालय में शिकायत की थी।
महिला ने दावा किया था कि एक युवक ने उसके अश्लील वीडियो बनाकर लाखों रुपये की मांग की है, लेकिन जांच में यह पूरी कहानी उलट गई। हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि इस गैंग को हेड कांस्टेबल के द्वारा चलाया जा रहा था। उसे मुकदमे में वांछित किया गया है। वह वर्तमान में कानपुर में तैनात है। पूर्व में आगरा में एसओजी में रहा है।
डीसीपी सिटी अली अब्बास ने बताया कि करीब एक सप्ताह पहले एक महिला रोते-बिलखते हुए उनके पास पहुंची थी। उसने आरोप लगाया कि एक युवक ने उसकी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल शुरू कर दिया है। शिकायत में महिला ने कहा कि यदि उसने लाखों रुपये नहीं दिए तो उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा।
शिकायत की गंभीरता देखते हुए डीसीपी सिटी ने तत्काल मामले की जांच के निर्देश दिए। मामला संवेदनशील होने के कारण कई टीमें गठित की गईं और जांच तेज की गई। जांच के दौरान पुलिस को ऐसे सुराग मिले, जिसने पूरा मामला पलट दिया। महिला के मोबाइल की जांच में कई युवकों के अश्लील वीडियो और संदिग्ध चैट्स बरामद हुए।
तकनीकी जांच और कॉल डिटेल रिकार्ड ने स्पष्ट कर दिया कि शिकायतकर्ता महिला ही एक सक्रिय हनीट्रैप गैंग का संचालन कर रही है। महिला के साथ गणेश, रियाज, प्रविंद्र और प्रवेश इस गिरोह में शामिल थे। रियाद आगरा में पुलिस विभाग में लंबे समय तक तैनात रहा है। एसओजी में भी उसकी तैनाती रही है। कुछ समय पहले ही वह कानपुर तबादला होकर गया था।
मिस्ड कॉल से शुरू होता था फंसाने का खेल
डीसीपी सिटी ने बताया सबसे पहले लक्षित लोगों के मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल की जाती थी। जब सामने वाला व्यक्ति कॉल बैक करता, तो महिला उस व्यक्ति से बातचीत कर दोस्ती बढ़ाती। कुछ ही दिनों में वह प्यार के झूठे नाटक में उलझाकर उन्हें होटल या गेस्ट हाउस बुलाती थी। यहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया जाता था। इसके बाद पीड़ित के अश्लील वीडियो बनाए जाते थे। फिर वीडियो वायरल करने व दुष्कर्म केस में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम वसूली जाती थी।
रियाज़ खुद को पुलिस अधिकारी बताकर डराता था
गैंग का सदस्य रियाज़ खुद को कानपुर पुलिस का अधिकारी बताता था। वह पीड़ितों को फोन कर धमकी देता कि यदि उन्होंने ‘समझौता’ नहीं किया तो उन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दिया जाएगा। इस डर से कई लोग पैसे देने को मजबूर हो जाते थे।
चार लाख से अधिक की उगाही, कई वीडियो बरामद
गिरफ्तार महिला और उसके साथी गणेश से पूछताछ में खुलासा हुआ कि अब तक गैंग तीन लोगों से करीब ₹4.12 लाख वसूल चुका था। महिला के फोन से तीन अन्य युवकों के भी आपत्तिजनक वीडियो मिले, जिन्हें गिरोह जल्द ही निशाना बनाने वाला था। पुलिस ने महिला और उसके साथी गणेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तीन फरार आरोपी रियाज़, प्रविंद्र और प्रवेश की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं।





