फ़िरोज़ाबाद: उत्तर प्रदेश के आगरा-टूंडला हाईवे (एनएच-19) पर रविवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। एफएच हॉस्पिटल के सामने रेलवे ब्रिज पर टूंडला से आगरा जा रही एक हुंडई क्रेटा कार (नंबर: यूपी-83 वीएस 7084) आगे चल रही सफाई वाली कूड़ा गाड़ी से पीछे से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार में तुरंत आग लग गई, जिससे हाईवे पर अफरा-तफरी मच गई। हादसे में कार सवार तीन लोग घायल हो गए, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड ने घायलों को बचाया और आग पर काबू पाया, लेकिन इस दौरान हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया।
हादसे की पूरी कहानी
घटना सुबह करीब 11 बजे की है। टूंडला की ओर से आगरा जा रही क्रेटा कार हाई स्पीड में थी। जैसे ही वह एफएच हॉस्पिटल के सामने रेलवे ओवर ब्रिज पर पहुंची, चालक ने कूड़ा गाड़ी (एनएच-19 की सफाई करने वाली) को ओवरटेक करने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण खो बैठा। टक्कर के बाद कार का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और इंजन से आग की लपटें उठने लगीं। कार सवारों ने तुरंत बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन धुएं और आग की वजह से फंस गए।
मौके पर पहुंचे राहगीरों, पुलिसकर्मियों और फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर कार के दरवाजे तोड़े और तीनों को बाहर निकाला। घायलों के नाम इस प्रकार हैं:
- नमन बंसल (निवासी: निकट राम सिंह का होटल, दीपा का चौराहा, टूंडला) – हालत गंभीर, ज्यादा झुलस गए।
- आदित्य प्रताप सिंह (निवासी: एमपी रोड, आयुषी ब्यूटीफुल पार्लर, नई बस्ती, टूंडला)।
- ध्रुव शर्मा (निवासी: निजामी बस्ती, टूंडला)।
तीनों को प्राथमिक उपचार के बाद आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, नमन बंसल को आईसीयू में रखा गया है, जबकि अन्य दो की हालत स्थिर है।
पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई
थाना प्रभारी अंजीश कुमार सिंह ने बताया, “कार तेज रफ्तार में थी, जिसकी वजह से चालक कूड़ा गाड़ी से बच न सका। हादसे की जांच की जा रही है।” पुलिस ने वीडियो फुटेज और गवाहों के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। कूड़ा गाड़ी के चालक को मामूली चोटें आई हैं, लेकिन वह सुरक्षित है।
हादसे के बाद एनएच-19 पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रैफिक पुलिस ने डायवर्जन करवाया, जिससे जाम दोपहर तक बना रहा। राहगीरों ने बताया कि धुआं इतना घना था कि दूर से ही दुर्घटना का अंदाज़ा हो गया था।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? सड़क सुरक्षा पर सवाल
ये हादसा एक बार फिर हाईवे पर स्पीड कंट्रोल और सफाई वाहनों की सेफ्टी साइनेज की कमी को उजागर करता है। ट्रैफिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि एनएच-19 जैसे व्यस्त हाईवे पर रीयल-टाइम अलर्ट सिस्टम और कैमरों की निगरानी बढ़ानी चाहिए। पिछले साल इसी रूट पर कई ऐसी दुर्घटनाएं हुईं, जहां आग लगने से जानें गईं। डीएम फ़िरोज़ाबाद ने जांच के आदेश दिए हैं और घायलों के इलाज का खर्चा जिल्ला कोष से देने का ऐलान किया है।