आगरा: लोकतंत्र के हृदय स्थल उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक बार फिर दर्द और शोक की लहर दौड़ गई। शमसाबाद थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक 17 वर्षीय किशोरी ने अपने ही घर के अंदर फांसी का फंदा लगाकर अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। यह घटना न केवल परिवार को तोड़कर रख गई, बल्कि पूरे इलाके में गमगीन माहौल छा गया। सुबह के वक्त परिजनों की आंखों के सामने यह हृदयविदारक दृश्य सामने आया, जिसने उनके होश उड़ा दिए।
घटना की सूचना मिलते ही शमसाबाद पुलिस और फॉरेंसिक टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से मुआयना किया, साक्ष्य एकत्रित किए और हर संभावित पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच की शुरुआत की। शव को कब्जे में लेकर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पोस्टमार्टम के लिए आगरा भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सूचना सुबह करीब 7:25 बजे पीआरबी (पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल) के माध्यम से प्राप्त हुई थी। मृतका की उम्र लगभग 17 वर्ष 11 माह बताई जा रही है – वह जीवन की दहलीज पर कदम रखने वाली एक नन्ही सी जान, जिसकी कलम अभी लिखी भी नहीं गई थी।
प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि किशोरी किसी गहरे मानसिक तनाव की शिकार थी। आज के दौर में युवा पीढ़ी पर बढ़ते दबाव – पढ़ाई, पारिवारिक अपेक्षाएं या अन्य अज्ञात कारण – अक्सर ऐसी दुखद घटनाओं को जन्म देते हैं। हालांकि, सटीक कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट और परिजनों के विस्तृत बयानों के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
शमसाबाद थानाध्यक्ष पवन कुमार सैनी ने घटना पर गंभीरता दिखाते हुए कहा, “सूचना मिलते ही हमारी टीम और फॉरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे। किसी भी कोण की अनदेखी नहीं की जाएगी।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि अभी तक परिवार की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यदि प्रार्थना पत्र प्राप्त होता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि आसपास के लोग भी स्तब्ध हैं। पुलिस सभी पहलुओं – चाहे वह पारिवारिक तनाव हो या कोई बाहरी दबाव – को गहराई से जांच रही है। फॉरेंसिक टीम की मौजूदगी यह सुनिश्चित करती है कि जांच पारदर्शी और वैज्ञानिक तरीके से हो।





