JNN: ठाकुर विधायकों की हालिया ‘कुटुंब भोज’ के बाद यह ‘सहभोज’ बीजेपी के अंदरूनी असंतोष का संकेत माना जा रहा है, जहां ब्राह्मण समुदाय को उपेक्षित महसूस हो रहा है, जबकि ठाकुरों को पार्टी नेतृत्व का खास समर्थन दिखता है। विश्वसनीय स्रोतों से एकत्रित तथ्यों के आधार पर, यहां सटीक और तथ्य-परखी जानकारी प्रस्तुत है।
घटना का विवरण: ब्राह्मण विधायकों का सहभोज
- स्थान और तिथि: कुशीनगर से बीजेपी विधायक पंचानंद पाठक (पीएन पाठक) के लखनऊ स्थित आवास पर 23 दिसंबर 2025 की शाम को आयोजित। यह उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हुआ।
- उपस्थिति: लगभग 40-50 ब्राह्मण विधायक और विधान पार्षद (एमएलसी) शामिल हुए, जिनमें अधिकांश बीजेपी के थे। कुछ विपक्षी दलों के विधायक भी मौजूद थे। प्रमुख नाम: रत्नाकर मिश्र (मिर्जापुर), शालभमणि त्रिपाठी (प्रतापगढ़), रमेश मिश्र, अनिल त्रिपाठी, एमएलसी साकेत मिश्र और उमेश द्विवेदी। बुंदेलखंड और पूर्वांचल के विधायक प्रमुख थे।
- आयोजन का स्वरूप: ‘लिट्ठी-चोखा’ भोजन पर आधारित अनौपचारिक सहभोज, जो रात 7 बजे शुरू होकर आधी रात तक चला। आयोजकों ने इसे सामाजिक चर्चा बताया, जिसमें परिवारिक विघटन, पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव, युवा पीढ़ी को राम-कृष्ण मार्ग पर लाने और विशेष गहन संशोधन (SIR) जैसे सामान्य विषय शामिल थे।
- पृष्ठभूमि: यह ठाकुर विधायकों की मानसून सत्र (जुलाई 2025) में हुई ‘कुटुंब भोज’ की तर्ज पर था, जहां लगभग 40 ठाकुर विधायक जुटे थे। ईटावा के कथावाचक चोटी घटना (जिसमें ब्राह्मणों पर हमले के आरोप लगे) ने ब्राह्मण असंतोष को और भड़काया।
प्रमुख उद्धरण: क्या कह रहे हैं नेता?
- पीएन पाठक (आयोजक): “यह बैठक 2027 से जोड़कर देखना पूरी तरह गलत है। क्षत्रिय समाज की बैठक के बाद इसे जोड़ना भी गलत। हम आगे भी बैठेंगे, बाकी समाज के लोग भी जुड़ेंगे। कोई राजनीतिक बातचीत नहीं हुई। हमारी सारी मदद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करते हैं। कहीं कोई नाराज़गी नहीं है।
- रत्नाकर मिश्र: “यह समाज के आत्ममंथन की बैठक थी। पहले तीन-तीन पीढ़ियां एक छत के नीचे रहती थीं, आज एक पीढ़ी का रहना मुश्किल हो गया है। ब्राह्मण समाज दिशा देता है, और हमें खुद में सुधार लाकर समाज में सुधार करना है।”
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अनिल त्रिपाठी: “हमारा समाज तो हर व्यक्ति की मदद करने का काम करता है। ब्राह्मणों को रोज अपमानित किया जा रहा है। हमने भारत के निर्माण में योगदान दिया, लेकिन आज समाज में अपमान हो रहा है। इसे राजनीतिक न बनाएं।”
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उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य: “यह विधायकों की सामान्य अनौपचारिक बैठक है। इसे जाति या किसी अन्य कोण से न देखें। सत्र के दौरान विधायक एक-दूसरे से मिलते रहते हैं।”
विपक्ष की प्रतिक्रिया: सपा का न्योता और आरोप
- समाजवादी पार्टी (सपा) ने इसे बीजेपी के अंदरूनी कलह का प्रमाण माना। सपा महासचिव शिवपाल यादव ने कहा: “बीजेपी लोगों को जाति में बांटती है। जो विधायक बीजेपी से नाराज हैं, उन्हें सपा में आ जाना चाहिए। यहां उन्हें पूरा सम्मान मिलेगा।”
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सपा विधायक संग्राम यादव: “यह सामान्य भोज नहीं था। बीजेपी के अंदर स्थिति सामान्य नहीं है। सत्र शुरू होते ही चर्चा होना इसका प्रमाण है।”
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य किया: “मुख्यमंत्री को विधायकों द्वारा आयोजित भोज के बारे में सूचित करना चाहिए।”
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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर: “देश पहले कृषि प्रधान था, अब जाति प्रधान हो गया। समस्याओं के लिए सीएम या पीएम से मिलें।”
बीजेपी का रुख: नरमी या सख्ती?
बीजेपी इसे सामाजिक बताकर टाल रही है, लेकिन आंतरिक चिंता साफ है। पार्टी के 52 ब्राह्मण विधायकों में 46 बीजेपी के हैं, जो 100 से अधिक सीटों पर प्रभाव रखते हैं। ठाकुरों (7-8% आबादी) पर ‘नरमी’ के आरोप लगते हैं क्योंकि योगी आदित्यनाथ (ठाकुर) के नेतृत्व में प्रशासन, पुलिस और टिकट वितरण में उनका दबदबा माना जाता है। ब्राह्मण (10-12% आबादी) 2017-2022 चुनावों में बीजेपी की जीत के प्रमुख स्तंभ रहे, लेकिन अब प्रतिनिधित्व की कमी से असंतुष्ट हैं। हाल के घटनाक्रम जैसे बीजेपी मंत्री प्रतिभा शुक्ला का धरना (ब्राह्मणों पर अपमान के आरोप में) इसकी मिसाल हैं।
राजनीतिक निहितार्थ: 2027 की ओर इशारा?
- जातिगत संतुलन: यह बैठक बीजेपी के ऊपरी जाति वोट बैंक को चुनौती दे रही है। ठाकुर-ब्राह्मण तनाव से पार्टी की एकजुटता प्रभावित हो सकती है, खासकर जब ओबीसी और दलित वोट पहले से ही सपा-बीएसपी के पास जा रहे हैं।
- विपक्ष का फायदा: सपा ब्राह्मणों को पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) गठबंधन में शामिल करने की कोशिश कर रही है, जैसा 2007 में बीएसपी ने किया था।
- भविष्य: 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को ब्राह्मण चेहरों को आगे बढ़ाना पड़ सकता है, वरना कोर वोटर खिसक सकते हैं। यह ‘अदृश्य शक्ति संघर्ष’ योगी सरकार की स्थिरता के लिए खतरा है।





