आगरा। थाना कस्बा बाह क्षेत्र में प्रसव के बाद 32 वर्षीय महिला सुमन की मौत ने एक परिवार पर वज्रपात कर दिया है। मृतका के परिजनों ने न्यू लाइट हॉस्पिटल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन ने सामान्य प्रसव बताकर 50 हजार रुपए जमा कराए थे, जबकि महिला की वास्तविक स्थिति छिपाई गई।
इंजेक्शन लगते ही बिगड़ी हालत, बेहोशी के बाद मौत
परिजनों के अनुसार, प्रसव के बाद सुमन की हालत लगातार बिगड़ रही थी। इसी दौरान जब इंजेक्शन लगाया गया तो वह अचानक बेहोश हो गई। परिवार का दावा है कि अस्पताल स्टाफ ने उन्हें लगातार उलझाए रखा कि स्थिति नियंत्रण में है, जबकि वे बार-बार आग्रह करते रहे कि यदि हालत संभल नहीं रही तो आगरा रैफर किया जाए।
मृतका के भतीजे देशराज ने बताया कि हम बार-बार कहते रहे कि आगरा ले चलो, लेकिन अस्पताल वाले गुमराह करते रहे। कहते रहे कि सब नियंत्रण में है। जब हालत और बिगड़ गई तो बताया कि अब आगरा ले जाओ।
संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजन शव लेकर पहुंचे थाने
सुमन की मौत के बाद अस्पताल स्टाफ ने परिजनों से कहा कि उसे आगरा ले जाएं। इससे आक्रोशित परिवार शव लेकर सीधे थाना बाह पहुंच गया और पुलिस को पूरी जानकारी दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
अवैध रूप से चल रहा था न्यू लाइट हॉस्पिटल- सीएचसी प्रभारी
सीएचसी बाह के प्रभारी डॉ. जितेंद्र वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि न्यू लाइट हॉस्पिटल अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। प्रसूता की मौत की सूचना मिलते ही इसकी जानकारी सीएमओ को दी गई। आदेशों के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल को सील कर दिया।
जांच और मुकदमे की तैयारी
डॉ. वर्मा ने बताया कि विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। वहीं, अस्पताल संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए विभाग की ओर से तहरीर भी तैयार की जा रही है।
बाह क्षेत्र में चल रहे अवैध अस्पतालों की बढ़ती संख्या एक गंभीर खतरे का रूप ले चुकी है। सुमन की मौत ने स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरियों और निरीक्षण प्रणाली की विफलता को उजागर कर दिया है। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं।





