मऊरानीपुर/झांसी: झांसी जिले के मऊरानीपुर क्षेत्र में एक सार्वजनिक रास्ते पर हो रहे अवैध निर्माण ने स्थानीय निवासियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। मुहल्ला गाँधीगंज के निवासी प्रेम नारायण नटिया ने उपजिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र सौंपकर इस निर्माण को तत्काल रोकने की मांग की है। आरोप है कि एक दबंग व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा कर रास्ते पर 8 फीट का अवैध छज्जा निकालकर छत डाल दी गई है, जिससे न केवल प्रार्थी का घर का मुख्य द्वार बंद होने का खतरा है, बल्कि आम जनता को भी आने-जाने में भारी असुविधा हो रही है।
घटना का विवरण: दबंगई का आरोप, धमकियां और जातिगत अपमान
प्रार्थी प्रेम नारायण नटिया (पुत्र: भगवान दास कोरी) ने प्रार्थना पत्र में बताया कि उनका छोटा सा मकान केदारेश्वर कॉलोनी, मऊरानीपुर में स्थित है। इस मकान के बगल में एक सार्वजनिक सरकारी रास्ता है, जिसका उपयोग आसपास के सभी निवासी दैनिक जीवन में करते हैं। नटिया के अनुसार, उक्त रास्ते पर एक प्रभावशाली व्यक्ति ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है और बिना किसी अनुमति के निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।
“जब मैंने इस निर्माण को रोकने की कोशिश की, तो उस व्यक्ति ने न केवल झगड़ा किया, बल्कि जातिसूचक गालियां देकर मुझे अपमानित किया और जान से मारने की धमकी भी दी,” प्रार्थना पत्र में नटिया ने लिखा। यदि यह निर्माण पूरा हो गया, तो न केवल उनका घर का दरवाजा हमेशा के लिए बंद हो जाएगा, बल्कि पूरे इलाके के लोगों को वैकल्पिक रास्ते की तलाश करनी पड़ेगी, जो पहले से ही संकरी गलियों से भरा है। नटिया ने मांग की है कि इस अवैध निर्माण को रोका जाए और दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया: पुलिस को जांच के आदेश
प्रार्थना पत्र मिलते ही उपजिलाधिकारी मऊरानीपुर ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने तत्काल प्रभाव से कोतवाली मऊरानीपुर पुलिस को निर्देश जारी किए हैं कि घटनास्थल का निरीक्षण कर अवैध निर्माण को रोका जाए और प्रार्थी की शिकायत की गहन जांच की जाए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम ऐसी अवैध कब्जों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता की सुविधा सर्वोपरि है, और धमकी या जातिगत भेदभाव जैसे आरोपों पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई जाएगी।”
स्थानीय निवासियों का कहना है कि मऊरानीपुर जैसे छोटे शहरों में सार्वजनिक संपत्तियों पर अतिक्रमण एक आम समस्या है, जो न केवल यातायात बाधित करता है बल्कि सामाजिक तनाव भी बढ़ाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में समय पर प्रशासनिक हस्तक्षेप ही समाधान है, वरना छोटी-मोटी विवाद बड़े संघर्ष में बदल सकते हैं।
यह घटना झांसी जिले में भूमि विवादों की बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है, जहां दबंगई और अवैध निर्माण ग्रामीण एवं शहरी इलाकों दोनों में चुनौती बने हुए हैं। पुलिस जांच के बाद आगे की कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है।
- रिपोर्ट – नेहा श्रीवास





