फतेहाबाद/आगरा: कड़ाके की ठंड ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले को अपनी चपेट में ले लिया है। न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है, जिससे सड़कों पर ठिठुरते लोग और बेघर असहायों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में फतेहाबाद की प्रमुख समाजसेवी संस्था ‘फतेहाबाद डेवलपिंग ग्रुप’ ने मानवता की मिसाल कायम करते हुए रविवार को 70 जरूरतमंद परिवारों को गर्म कंबल वितरित किए। यह वितरण कस्बे के ऐतिहासिक गांधी चौक स्थित श्री बिहारी जी महाराज मंदिर पर लगाए गए विशेष कैंप के माध्यम से किया गया, जहां गरीब और असहाय लोग ठंड की मार से जूझ रहे थे।
संस्था के संयोजक आलोक बच्छरवार ने बताया, “यह कंबल वितरण हमारी वार्षिक सर्दी राहत मुहिम का पहला चरण है। सर्दी की शुरुआत होते ही हमने यह अभियान शुरू कर दिया है, ताकि कोई भी जरूरतमंद ठंड की चपेट में न आए। आगे भी हम इसी तरह के कैंप लगाकर सहायता पहुंचाते रहेंगे।” बच्छरवार ने आगे कहा कि संस्था स्थानीय स्तर पर सर्वे कर रही है, जिससे सबसे अधिक प्रभावित परिवारों तक मदद पहुंच सके। इस प्रयास में स्थानीय दानदाताओं और स्वयंसेवकों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।
फतेहाबाद डेवलपिंग ग्रुप, जो ‘हमारा फतेहाबाद डेवलपिंग ग्रुप’ के नाम से भी जाना जाता है, लंबे समय से सामाजिक कार्यों में सक्रिय है। यह संस्था न केवल सर्दियों में कंबल वितरण जैसे तात्कालिक राहत कार्य करती है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान देती रही है। हाल ही में इसने कस्बे के सरकारी स्कूलों में सैकड़ों छात्रों को निशुल्क स्कूल बैग और लेखन सामग्री वितरित की थी। संस्था का फोकस हमेशा से ही ग्रामीण और शहरी गरीब वर्गों की पहचान और उनकी समस्याओं का समाधान पर रहा है।
वितरण के दौरान मंदिर परिसर में एकत्रित जरूरतमंदों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। एक बुजुर्ग महिला रामदुलारी ने कहा, “ठंड इतनी तेज हो गई थी कि रातें काटना मुश्किल हो रहा था। यह कंबल हमें नई जिंदगी दे गया है। संस्था के कार्यकर्ताओं को दिल से धन्यवाद।” इसी तरह, एक मजदूर परिवार के मुखिया ने बताया कि वे दैनिक मजूरी पर निर्भर हैं और ऐसी सहायता उनके लिए वरदान साबित हो रही है।
आगरा जिले में सर्दी के मौसम में ऐसी पहलें आम हैं, लेकिन फतेहाबाद डेवलपिंग ग्रुप की यह मुहिम स्थानीय स्तर पर एक मिसाल बन रही है। जिला प्रशासन भी रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था कर रहा है, लेकिन गैर-सरकारी संगठनों का योगदान हमेशा अतिरिक्त राहत प्रदान करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस वर्ष उत्तर भारत में सर्दी सामान्य से अधिक कठोर होने की आशंका है, इसलिए ऐसी पहलों की आवश्यकता और बढ़ जाएगी।
- रिपोर्ट – आकाश भारद्वाज





