अधिशासी अभियंता को सख्त हिदायत—शिकायतों का 24 घंटे में समाधान, चेक मीटर लगाकर हो पारदर्शिता
खेरागढ़/आगरा। कस्बे के हजारों बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी अब चरम पर पहुंच गई है। स्मार्ट मीटरों की ‘अनियंत्रित स्पीड’ से बिजली बिलों में अचानक 2-3 गुना उछाल ने घर-घर में हाहाकार मचा दिया है। इन लगातार शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष सुधीर गर्ग गुड्डू ने मंगलवार को अपने कैंप कार्यालय में विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता रामसेवक राम के साथ आपात बैठक बुलाई। बैठक में चेयरमैन ने साफ लफ्जों में चेतावनी दी—उपभोक्ता हित सर्वोपरि, किसी भी कीमत पर असुविधा बर्दाश्त नहीं!
बैठक के दौरान चेयरमैन गुड्डू ने अधिशासी अभियंता को त्वरित कार्रवाई के सख्त निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा, “स्मार्ट मीटरों की स्पीड से परेशान उपभोक्ताओं की शिकायतों का 24 घंटे के अंदर समाधान सुनिश्चित करें। जिनके बिलों में असामान्य वृद्धि हुई है, उनके मीटरों पर तुरंत चेक मीटर लगाएं, ताकि वास्तविक खपत की तुलना हो सके और उपभोक्ताओं को न्याय मिले।” चेयरमैन की इस सख्ती से स्थानीय निवासियों में राहत की लहर दौड़ गई है, जो अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी परेशानी जल्द दूर होगी।
शिकायतों का आलम: ‘मीटर घड़ी की सुइयों से भी तेज दौड़ रहे!’
खेरागढ़ के विभिन्न वार्डों से दर्जनों शिकायतें विद्युत विभाग तक पहुंच चुकी हैं। एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारा मासिक बिल कभी 800-1000 रुपये का आता था, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद यह 2500 रुपये तक पहुंच गया। मीटर इतनी तेजी से घूमता है कि लगता है कोई ‘जादू’ चल रहा हो!” ऐसी ही कहानियां हर गली-मोहल्ले से सुनाई दे रही हैं। अधिशासी अभियंता रामसेवक राम ने बैठक में स्पष्ट किया कि चेक मीटरों की स्थापना से वास्तविकता सामने आएगी और गलत बिलिंग को ठीक किया जाएगा।
समाधान का नया रास्ता: ‘ऊर्जावान ऐप’ से खुद करें निगरानी
अभियंता राम ने उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर साझा की। उन्होंने बताया कि विद्युत विभाग ने ऊर्जावान मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जो हर उपभोक्ता के लिए वरदान साबित हो सकता है। इस ऐप के जरिए आप प्रतिदिन की बिजली खपत का रीयल-टाइम विवरण चेक कर सकते हैं। “यह ऐप पारदर्शिता लाता है—अब बिल का हर पैसा ट्रैक करेंगे, कोई बहाना नहीं चलेगा,” राम ने कहा। विभाग अब इस ऐप के प्रचार के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
ओटीएस योजना: पुराने बिलों का ‘वन-टाइम सेटलमेंट’ अवसर
चेयरमैन गुड्डू ने बैठक में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया। उन्होंने ओटीएस (वन-टाइम सेटलमेंट) योजना को जन-जन तक पहुंचाने के निर्देश दिए। “पुराने लंबित बिलों से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए यह सुनहरा मौका है। योजना का व्यापक प्रचार करें, ताकि हजारों परिवार कर्ज के बोझ से मुक्त हो सकें,” चेयरमैन ने जोर देकर कहा। ओटीएस के तहत बकाया बिलों पर छूट मिलेगी, जिससे आर्थिक बोझ हल्का होगा। विभाग अब गांव-गांव में कैंप लगाकर लोगों को जागरूक करेगा।
यह कदम न केवल खेरागढ़ बल्कि पूरे आगरा जिले के लिए मिसाल साबित हो सकता है। स्मार्ट मीटरों की तकनीक भविष्य की जरूरत है, लेकिन अगर यह उपभोक्ताओं की जेब पर भारी पड़ रही है, तो सुधार अनिवार्य है। क्या विभाग इन निर्देशों पर अमल कर पाएगा? आने वाले दिनों में इसका असर साफ दिखेगा। उपभोक्ता अब उम्मीद भरी नजरों से विभाग की ओर देख रहे हैं—क्या बिजली बिलों की ‘तेज रफ्तार’ अब धीमी पड़ेगी?
अगर आप भी स्मार्ट मीटर से परेशान हैं, तो ऊर्जावान ऐप डाउनलोड करें या नजदीकी विद्युत कार्यालय से संपर्क करें।
संवाददाता- गोविंद पाराशर





