आगरा: थाना सदर क्षेत्र की महर्षिपुरम कॉलोनी में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हादसे में मौत से इलाके में सनसनी फैल गई। छत पर पिता की सेमी राइफल की सफाई करते हुए गोली चलने से 48 वर्षीय ज्ञानेंद्र शर्मा की मौके पर ही मौत हो गई। खून से लथपथ पड़े पति को देख पत्नी की चीख-पुकार से पूरा घर गूंज उठा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में इसे हादसा बताया जा रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की पड़ताल कर रही है।
ज्ञानेंद्र शर्मा शमशाबाद रोड स्थित महर्षिपुरम कॉलोनी के निवासी थे। वे एक प्राइवेट कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करते थे और वर्क फ्रॉम होम का विकल्प चुन रखा था। आज दोपहर वे घर पर अपनी पत्नी के साथ थे। उनके पिता सत्यदेव शर्मा और मां पड़ोस में किसी गमी (शोक सभा) में शामिल होने गए थे, जबकि दोनों बेटे स्कूल गए हुए थे। घर पर अकेले होने के कारण ज्ञानेंद्र छत पर चले गए और वहां पिता की पुरानी सेमी राइफल की सफाई करने लगे। अचानक गोली चलने की आवाज गूंजी, जिसे सुनकर नीचे घर का काम कर रही पत्नी दौड़कर ऊपर पहुंचीं। वहां का नजारा देखते ही उनकी चीख निकल गई—ज्ञानेंद्र सिर में गोली लगे खून से लथपथ पड़े थे।
घटना का विवरण: सफाई के दौरान फायरिंग, परिवार सदमे में
परिजनों के मुताबिक, सत्यदेव शर्मा रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं और उनके पास वैध लाइसेंस वाली सेमी राइफल लंबे समय से घर में रखी हुई थी। ज्ञानेंद्र शायद इसे साफ करने के इरादे से छत पर ले गए थे, लेकिन असावधानी में ट्रिगर दब गया। गोली सीधे सिर में लगी, जिससे मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। पत्नी ने तुरंत पड़ोसियों को सूचना दी और डायल 100 पर कॉल किया। मौके पर पहुंची सदर थाने की पुलिस ने फॉरेंसिक टीम बुलाई और शव को जिलासत्र के लिए भेज दिया।
पुलिस अधीक्षक (सिटी) ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला हादसे का लग रहा है। राइफल को जब्त कर लिया गया है और लाइसेंस की वैधता की जांच की जा रही है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या घर में कोई अन्य व्यक्ति मौजूद था या कोई लापरवाही बरती गई। परिवार के बयान दर्ज कर लिए गए हैं, लेकिन सदमे के कारण पत्नी अभी कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। दोनों बेटे (उम्र 10 और 12 वर्ष के आसपास) को स्कूल से बुला लिया गया है, जहां वे मां के पास हैं।
परिवार का दर्द: ‘वो तो बस राइफल साफ कर रहे थे, कभी सोचा नहीं था…’
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता सत्यदेव शर्मा ने बताया, “बेटा बहुत जिम्मेदार था। घर का हर काम संभालता था। आज गमी से लौटे तो ये क्या हो गया? राइफल सालों से पड़ी थी, कभी इस्तेमाल नहीं की।” मां ने कहा, “दोनों बेटे अब क्या करेंगे? पति-पिता दोनों चले गए।” पड़ोसियों ने भी श्रद्धांजलि दी। एक पड़ोसी ने कहा, “ज्ञानेंद्र बहुत मिलनसार थे। कंपनी में भी अच्छा काम करते थे। ये हादसा सुनकर सब स्तब्ध हैं।”
सोशल मीडिया पर भी इस घटना की चर्चा तेज है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक वीडियो या पोस्ट वायरल नहीं हुआ, लेकिन स्थानीय ग्रुप्स में संवेदना के संदेश आ रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “आगरा के महर्षिपुरम में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की राइफल हादसे में मौत। घरों में हथियार रखने से पहले सोचें। RIP ज्ञानेंद्र भाई।” कई लोग हथियारों की सुरक्षा पर बहस कर रहे हैं, खासकर परिवारों में लाइसेंसी राइफल रखने वालों के लिए।
जांच और आगे की कार्रवाई
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सटीक कारण की पुष्टि होगी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत केस दर्ज किया है। साथ ही, राइफल का बैलिस्टिक टेस्ट कराया जाएगा। आगरा में हाल ही में राइफल से जुड़े हादसे (जैसे अग्निवीर की आत्महत्या) के बाद यह घटना पुलिस के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। एसएसपी ने निर्देश दिए हैं कि सभी लाइसेंसी हथियारों की जांच तेज की जाए।





