अलीगंज/एटा 25 नवंबर 2025 (दैनिक जिला नजर)।
कल्पना कीजिए, शादी की चमक-दमक के बीच अचानक बिजली का वो खतरनाक करंट जो जिंदगियां उजाड़ दे। मंगलवार को अलीगंज थाना क्षेत्र में ऐसा ही खौफनाक हादसा हुआ, जब एक टेंट कारीगर 33 हजार वोल्ट की हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गया। संतोष की चीखें अभी भी लोगों के कानों में गूंज रही हैं—क्या वो इस जंग में जीतेगा, या ये शादी का मंडप बन जाएगा अंतिम संस्कार का आगमन स्थल?
हादसे की दिल दहला देने वाली पूरी कहानी
कायमगंज के ग्राम गंडुआ का रहने वाला संतोष पुत्र रोशन लाल, एक मेहनती टेंट कारीगर, कभी सोचा भी न होगा कि शादी की तैयारियां ही उसके लिए मौत का पैगाम लेकर आएंगी। अलीगंज-कायमगंज रोड पर एक विवाह स्थल पर टेंट लगाने पहुंचे संतोष ने पोल खड़ी करते हुए ऊपर तने हुए 33kV हाई टेंशन तारों को नजरअंदाज कर दिया। लेकिन किस्मत ने धोखा दिया—तारों का संपर्क होते ही तेज करंट ने उसके शरीर को झुलसा दिया। जमीन पर लोटते संतोष की हालत देखकर आसपास के लोग दहशत में सन्न रह गए। अफरा-तफरी मच गई, लेकिन ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई।

तुरंत बिजली लाइन बंद करवाने की कोशिश की गई। संतोष को भीड़ ने कंधों पर उठाया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अलीगंज पहुंचाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया, लेकिन जलने की चोटें इतनी गंभीर थीं कि उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। फिलहाल संतोष की हालत नाजुक बनी हुई है—डॉक्टरों का कहना है कि अगले 48 घंटे निर्णायक होंगे। क्या वो इस आग से बच पाएंगे? या ये हादसा बिजली विभाग की लापरवाही का एक और काला अध्याय बन जाएगा?
शिकायतों की अनसुनी पुकार: क्यों बार-बार हो रहे हैं ऐसे हादसे?
स्थानीय लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। “ये पहली बार नहीं हुआ! पहले भी टेंट लगाते वक्त, खेतों में काम करते हुए लोग झुलसे हैं, लेकिन बिजली विभाग सोता रहा,” बताते हैं अलीगंज के एक बुजुर्ग निवासी रामस्वरूप। क्षेत्र में हाई टेंशन लाइनें आवासीय इलाकों और आयोजन स्थलों के ऊपर से गुजर रही हैं, बिना किसी सुरक्षा उपाय के। ऊंचाई का मानक तो दूर, न तो वायरिंग को ऊपर उठाया गया, न ही चेतावनी बोर्ड लगाए गए।
बार-बार शिकायतें दर्ज कराई गईं—पिछले दो सालों में कम से कम तीन ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन विभाग की उदासीनता ने खतरे को और बढ़ा दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी लाइनों के आसपास 10 मीटर का सेफ्टी जोन होना चाहिए, लेकिन यहां तो टेंट ही तारों के नीचे लग रहे हैं। प्रशासन से मांग उठ रही है: तत्काल निरीक्षण हो, लाइनें शिफ्ट की जाएं, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
क्या कहते हैं आंकड़े? बिजली हादसों का काला सच
उत्तर प्रदेश में हर साल सैकड़ों बिजली संबंधी हादसे होते हैं, जिनमें से 40% हाई टेंशन लाइनों की वजह से। अलीगंज जैसे ग्रामीण इलाकों में ये संख्या दोगुनी है। अगर समय रहते सुरक्षा मानक लागू हो जाते, तो शायद संतोष आज भी परिवार के साथ हंस रहे होते। ये हादसा सिर्फ एक कारीगर की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का आईना है।
अपील: जागो प्रशासन, बचाओ जिंदगियां!
क्षेत्रवासी चुप नहीं बैठेंगे। सोशल मीडिया पर #SaveFromHighVoltage अभियान शुरू हो चुका है। अगर आप भी प्रभावित हैं, तो अपनी आवाज उठाएं। प्रशासन से मांग है—अभी नहीं तो कब? संतोष की तरह कोई और न झुलसे, ये जिम्मेदारी आपकी भी है।
अपडेट के लिए बने रहें—क्या संतोष की हालत में सुधार? जिला नजर न्यूज नेटवर्क की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
रिपोर्ट 🔹सुनील गुप्ता





