मथुरा (स्पेशल रिपोर्ट)। उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में रविवार शाम को एक चौंकाने वाली घटना ने हंगामा मचा दिया। बागेश्वर धाम के प्रमुख संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात एडिशनल एसपी (ASP) अनुज चौधरी पर मंदिर के सेवायतों और अन्य धार्मिक नेताओं के साथ अभद्र व्यवहार का गंभीर आरोप लगा है।
वायरल हो रहे एक वीडियो में ASP चौधरी को एक सेवायत का कॉलर पकड़कर खींचते और उसे दर्शन लाइन से बाहर धकेलते हुए साफ देखा जा सकता है। इस घटना से भक्तों में आक्रोश फैल गया है और सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।
घटना का पूरा विवरण
घटना 17 नवंबर 2025 को शाम के समय घटी, जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2.0’ के समापन के बाद करीब 5 किलोमीटर पैदल चलकर बांके बिहारी मंदिर पहुंचे। उनकी उपस्थिति की सूचना फैलते ही मंदिर परिसर और आसपास की गलियों में भारी भीड़ जमा हो गई। पुलिस ने भीड़ नियंत्रण के लिए कई बार मार्ग बदलना पड़ा, जिससे पदयात्रा का समय बढ़कर करीब 3 घंटे हो गया।
दर्शन के दौरान एक सेवायत पूजा सामग्री की थाली लेकर शास्त्रीजी की ओर बढ़ रहा था। पुलिस के अनुसार, यह सुरक्षा के लिहाज से खतरा था, क्योंकि वीआईपी जोन में किसी को अनुमति नहीं थी। इसी बीच ASP अनुज चौधरी ने तुरंत हस्तक्षेप किया और सेवायत का कॉलर पकड़ लिया। एक झटके में उसे पीछे धकेल दिया गया, जिससे उसके हाथ से थाली छूटकर गिर गई और पूजा सामग्री बिखर गई। इससे सेवायत और पुलिसकर्मियों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। आसपास के लोग बीच-बचाव करने पहुंचे, लेकिन तनाव कुछ देर तक बना रहा।
इसके अलावा, पदयात्रा के आयोजनकर्ता और भागवत कथा वाचक आचार्य मृदुल कांत शास्त्री को भी पुलिस ने धक्का देकर मंदिर परिसर से बाहर कर दिया। आचार्य के कुर्ते फट गए, जबकि उनके साथ चल रहे भागवत वाचक पार्वती बल्लभ की पगड़ी गिर गई। आचार्य मृदुल कांत ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ब्रजवासियों के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसमें धक्का-मुक्की और मारपीट भी शामिल थी। उन्होंने कहा, “ब्रज की पावन भूमि पर ऐसा व्यवहार स्वीकार नहीं। हम दर्शन के इंतजाम में सहयोग कर रहे थे, लेकिन पुलिस की गुंडागर्दी ने सब बिगाड़ दिया।”
ASP अनुज चौधरी कौन हैं?
ASP अनुज चौधरी मुजफ्फरनगर के बहेड़ी गांव के रहने वाले हैं और एक पूर्व कुश्ती खिलाड़ी हैं। वे खेल कोटा से यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। उनके पास नेशनल गेम्स में दो सिल्वर मेडल (2002, 2010), एशियन चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज, 1997 से 2014 तक नेशनल चैंपियन का खिताब, लक्ष्मण अवॉर्ड (2001) और अर्जुन अवॉर्ड (2005) जैसे सम्मान हैं। वर्तमान में वे संभल जिले में तैनात हैं, लेकिन इस पदयात्रा की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से नियुक्त किए गए थे। घटना के बाद वे सामान्य वेशभूषा में मंदिर पहुंचे और चरण पादुका की पूजा भी की, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया पर बवाल, वायरल वीडियो ने बढ़ाई सनसनी
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कई यूजर्स ने इसे शेयर करते हुए पुलिस पर सवाल उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा, “ASP अनुज चौधरी का रवैया सवालों के घेरे में। सेवायत को कॉलर पकड़कर खींचा, क्या ये सुरक्षा है या गुंडागर्दी?” वहीं, कुछ पोस्ट में ASP की तारीफ भी की गई, जहां उन्हें “सनातनी बब्बर शेर” कहा गया। न्यूज चैनलों जैसे जी न्यूज, न्यूज18 और पत्रिका ने भी इसकी कवरेज की है।
पुलिस का पक्ष और प्रतिक्रिया
पुलिस ने स्पष्ट किया कि ASP की कार्रवाई सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “वीआईपी जोन में अनधिकृत प्रवेश को रोका गया। कोई जानबूझकर दुर्व्यवहार नहीं हुआ।” वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप से स्थिति शांत हुई और दर्शन प्रक्रिया सामान्य रूप से चली। हालांकि, मंदिर प्रशासन या यूपी पुलिस की ओर से कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। भक्तों और धार्मिक संगठनों ने डीजीपी यूपी और सीएम योगी आदित्यनाथ से कार्रवाई की मांग की है।
यह घटना बांके बिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर करती है, जहां अक्सर सुरक्षा और श्रद्धा के बीच टकराव होता रहता है। जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ सकेगी।





