अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में परीक्षा पेपर लीक की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब DEl.Ed. (डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन) की प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। UP स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस मामले में दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लीक पेपर बेच रहे थे। गिरफ्तारी अलीगढ़ के इगलास इलाके से हुई है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

- धर्मेंद्र कुमार
- पुष्पेंद्र कुमार
दोनों आरोपी सगे भाई हैं और पेपर लीक के इस रैकेट में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। STF की टीम ने कई घंटों की कड़ी पूछताछ और आरोपियों के मोबाइल फोन व लैपटॉप की गहन फॉरेंसिक जांच के बाद यह खुलासा किया। जांच में पता चला कि आरोपी व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया ऐप्स के माध्यम से परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र को छात्रों को बेचते थे।
कैसे हुआ खुलासा?
UP पुलिस को एक स्क्रीनशॉट मिला था, जिसमें DEl.Ed. परीक्षा का पेपर लीक होने का दावा किया गया था। इस सुराग के आधार पर STF ने त्वरित कार्रवाई की और इगलास क्षेत्र में छापेमारी कर दोनों भाइयों को धर दबोचा। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी लंबे समय से परीक्षा माफिया के साथ मिलकर काम कर रहे थे। उनके पास से कई डिजिटल सबूत बरामद हुए हैं, जिनमें लीक पेपर की कॉपी, भुगतान ट्रांजेक्शन और छात्रों से चैट रिकॉर्ड शामिल हैं।
परीक्षा प्रणाली पर सवाल
यह घटना उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही पेपर लीक की श्रृंखला की नई कड़ी है। इससे पहले RO/ARO, पुलिस भर्ती और अन्य परीक्षाओं में भी लीक के मामले सामने आ चुके हैं। DEl.Ed. परीक्षा उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है, जो प्राथमिक शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए महत्वपूर्ण है। इस लीक से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
STF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हम डिजिटल फुटप्रिंट्स का पीछा कर रहे हैं। आरोपी सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर पेपर बेचते थे। जल्द ही रैकेट के अन्य सदस्यों को भी पकड़ा जाएगा।”
आगे की कार्रवाई
STF ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया है। परीक्षा की गोपनीयता भंग करने के लिए IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी) और IT एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज। बोर्ड द्वारा परीक्षा रद्द करने या दोबारा आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है।
यह मामला शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग को और मजबूत करता है। अभ्यर्थी आक्रोशित हैं और सोशल मीडिया पर #PaperLeakScam ट्रेंड कर रहा है। STF की यह कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन पेपर लीक रोकने के लिए डिजिटल सिक्योरिटी और सख्त निगरानी की जरूरत है






