आगरा: जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में पारिवारिक संपत्ति विवाद ने एक दर्दनाक मोड़ ले लिया है। एक व्यक्ति ने कथित मानसिक उत्पीड़न और धमकियों से तंग आकर आत्महत्या कर ली। मृतक के बेटे ने चाची और मायके पक्ष के चार रिश्तेदारों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। यह घटना परिवारों में संपत्ति के लालच के काले पक्ष को उजागर कर रही है, जहां भावनात्मक जख्म जानलेवा साबित हो गए।
विवाद की जड़: भाइयों के बीच लंबी खींचतान
आवास विकास कॉलोनी निवासी आशीष सिंह ने बताया कि उनके पिता प्रदीप कुमार सिंह का अपने भाई प्रीतम सिंह के साथ संपत्ति बंटवारे को लेकर कई वर्षों से विवाद चल रहा था। इसी सिलसिले में मृतक की चाची सरोज सिंह और उनके मायके पक्ष के लोग—सत्येंद्र, यतेन्द्र, जितेंद्र तथा सहयोगी सुनील—लगातार प्रदीप पर दबाव बना रहे थे। आशीष के अनुसार, आरोपी पक्ष ने साजिश रचकर प्रीतम सिंह को झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा दिया, और फिर प्रदीप को धमकी दी कि पक्ष न लेने पर उन्हें भी सलाखों के पीछे डाला जाएगा।
धमकियां और अपमान: टूटा मनोबल, गहरा तनाव
आरोपियों पर लगे इल्जाम के मुताबिक, उन्होंने प्रदीप सिंह को बार-बार अपमानित किया, झूठे केस की धमकी दी और परिवार के बीच फूट डालने की कोशिश की। “पिता लगातार मानसिक दबाव में थे। रात-रात भर सो नहीं पाते थे, और हमारी समझाने की सारी कोशिशें नाकाम रहीं,” आशीष ने बताया। यह दबाव इतना बढ़ गया कि प्रदीप सिंह अवसाद के गहरे गर्त में चले गए, जो अंततः घातक साबित हुआ।
3 नवंबर को दर्दनाक कदम: घर में फांसी, मातम का माहौल
3 नवंबर 2025 को प्रदीप कुमार सिंह ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह जब परिवार के सदस्यों ने दरवाजा खटखटाया तो खौफनाक मंजर सामने आया। घटना की सूचना मिलते ही पड़ोस में सन्नाटा छा गया, और परिवार में कोहराम मच गया। आशीष ने कहा, “पिता ने हमेशा परिवार की एकता पर जोर दिया, लेकिन इस विवाद ने सब कुछ छीन लिया।” पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की पुष्टि हुई है, लेकिन मानसिक तनाव के कारणों की गहराई जांच में सामने आएगी।
पुलिस कार्रवाई: पांच के खिलाफ मुकदमा, सख्त जांच
मृतक पुत्र आशीष सिंह की शिकायत पर थाना जगदीशपुरा पुलिस ने IPC की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य संबंधित धाराओं में सरोज सिंह, सत्येंद्र, यतेन्द्र, जितेंद्र व सुनील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। एसएचओ ने बताया, “घटना के सभी पहलुओं—साक्ष्य, गवाहों के बयान और डिजिटल रिकॉर्ड—की जांच चल रही है। आरोपी पक्ष से भी पूछताछ होगी।” पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।






