मथुरा।बार एसोसिएशन मथुरा के वार्षिक चुनाव 2025-26 को लेकर चल रहा अधिवक्ताओं का धरना आज तीसरे दिन भी बार एसोसिएशन कार्यालय परिसर में जारी रहा। धरने में बड़ी संख्या में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ-साथ चुनावी प्रत्याशी भी शामिल हुए।
धरने में वक्ताओं ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव पर समय पर चुनाव न कराने का आरोप लगाया। अधिवक्ताओं का कहना था कि पूर्व वर्षों में 7 नवंबर को चुनाव कराए गए थे और 14 नवंबर को नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने शपथ ग्रहण किया था। ऐसे में अध्यक्ष व सचिव का यह कहना कि उन्हें चुनाव कराने के लिए समय चाहिए, पूरी तरह अनुचित और हास्यास्पद है, क्योंकि उन्हें पहले से ही चुनावी कार्यक्रम की जानकारी थी।
अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष और सचिव द्वारा षड्यंत्रपूर्वक चुनाव की घोषणा नहीं की गई और न ही एल्डर कमेटी गठित की गई। उनका कहना था कि वर्तमान पदाधिकारी अपने कार्यकाल की समयावधि समाप्त होने के बावजूद “तानाशाही रवैया” अपनाते हुए पद पर बने हुए हैं।
धरने में वक्ताओं ने कहा कि बार एसोसिएशन मथुरा के अध्यक्ष व सचिव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में असफल रहे हैं और बार काउंसिल के आदेश का हवाला देकर चुनाव की तिथि को जानबूझकर टालना चाहते हैं। उन्होंने मांग की कि वर्तमान पदाधिकारियों को तत्काल पदमुक्त कर एल्डर कमेटी को चार्ज दिया जाए तथा शीघ्र जनरल हाउस बुलाकर चुनाव तिथि घोषित की जाए।
धरने में पूर्व सचिव राजकुमार उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष इंद्र कुमार वशिष्ठ, पूर्व सचिव राघवेंद्र सिंह, सचिव पद प्रत्याशी पूजा वर्मा, अटल फौजदार, रमाकांत भारद्वाज, चौधरी भगवान सिंह वर्मा, बृजेश शर्मा, मनोज कुमार शर्मा, सुरेश चंद पाठक, देवेंद्र पाल सिंह, गोपाल प्रसाद शर्मा, त्रिलोकचंद शर्मा, भानु प्रकाश गौतम, पंकज गोला, शैलेंद्र दुबे, अरविंद सिंह, मनमोहन शर्मा, अश्वनी शुक्ला, रामकृष्ण भारद्वाज, प्रेम प्रकाश पाठक, संगीता शर्मा, ले. के. गौतम, सुशील सागर, शमशेर सिंह, योगेश तिवारी, प्रवीण भास्कर, संजय परिहार, जयप्रकाश, विनोद सिंह, योगेश जादौन, करण सिंह, त्रिलोक कुमार, बल्लभ वर्मा, अभय सिंह, अजय सिंह, देवराज सिंह यादव, योगेंद्र कुमार चतुर्वेदी, विवेक कनौजिया, सतीश चतुर्वेदी, अवधेश कुमार चतुर्वेदी, अनोखी शर्मा, सुरेश कुमार पांडे आदि सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद रहे।
धरनारत अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही चुनाव की तिथि घोषित नहीं की गई तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।






