श्रीकाकुलम (आंध्र प्रदेश)। कार्तिक एकादशी के पावन अवसर पर भगवान वेंकटेश्वर (वेंकन्ना) के दर्शन के लिए उमड़े भक्तों की भारी भीड़ के बीच आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार सुबह भयानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 9 से 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। मंदिर की क्षमता मात्र 2-3 हजार श्रद्धालुओं की होने के बावजूद 25 हजार से अधिक भक्त इकट्ठा हो गए थे, जिसके कारण सामान्य रेलिंग टूट गई और कई लोग नीचे गिर पड़े।
हादसे का विवरण
घटना सुबह करीब 11:30 बजे घटी, जब श्रद्धालु दर्शन के लिए मुख्य द्वार पर धक्कम-धक्की कर रहे थे। अत्यधिक भीड़ के दबाव से रेलिंग धंस गई, जिससे कई भक्त गिरकर एक-दूसरे पर चढ़ गए। शुरुआती रिपोर्ट्स में मौतों की संख्या 5 बताई गई थी, लेकिन बाद में यह 9 तक पहुंच गई, और कुछ स्रोतों के अनुसार 10 हो चुकी है। ज्यादातर मृतक महिलाएं हैं।
स्थानीय पुलिस और मंदिर प्रशासन ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
सीएम चंद्रबाबू नायडू का शोक संदेश
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, “काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ से हुई मौतें बेहद दर्दनाक हैं। मृतकों के परिजनों को मेरी गहरी संवेदना। मैंने अधिकारियों को घायलों के त्वरित इलाज और राहत कार्यों के निर्देश दिए हैं।”
राज्य के कृषि मंत्री किंजरापु अतचन्नैदु भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। एक जांच समिति गठित कर दी गई है, जो हादसे के कारणों की पड़ताल करेगी।
मंदिर और एकादशी का महत्व
काशीबुग्गा वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर 12 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और दूर-दराज से भक्त यहां आते हैं। कार्तिक एकादशी और शनिवार के संयोग ने भक्ति का उल्लास बढ़ा दिया था, लेकिन अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था ने इसे त्रासदी बना दिया। मंदिर प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी भीड़ के बावजूद पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए।
यह इस साल आंध्र प्रदेश में तीसरा ऐसा हादसा है। जनवरी में तिरुपति में 6 मौतें हुई थीं, जबकि अप्रैल में विशाखापट्टनम के एक मंदिर में दीवार गिरने से 7 की जान गई।
प्रशासन ने मंदिर में दर्शन सीमित कर दिए हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है। इस दुखद घटना से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। अपडेट्स के लिए बने रहें।






