मैनपुरी/वृंदावन। मथुरा के वृंदावन धाम के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजे जाने की मांग तेज हो रही है। मैनपुरी जिले के सामाजिक कार्यकर्ता सतेंद्र कुमार यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसकी सिफारिश की है। उन्होंने संत महाराज के आध्यात्मिक योगदान और करोड़ों भक्तों की भावनाओं का हवाला देते हुए कहा कि यह सम्मान न केवल संत की महानता को रेखांकित करेगा, बल्कि भक्ति मार्ग को देशव्यापी प्रेरणा देगा।
पत्र में क्या कहा गया: भक्ति के प्रतीक, समाज सुधारक के रूप में संत की भूमिका
सतेंद्र कुमार यादव ने पत्र में विस्तार से संत प्रेमानंद महाराज के जीवन और कार्यों का जिक्र किया। उनका कहना है कि वृंदावन निवासी संत महाराज आध्यात्मिक और धार्मिक क्षेत्र में एक महान व्यक्तित्व हैं। मात्र 13 वर्ष की आयु में घर त्यागकर संन्यास ग्रहण करने वाले अनिरुद्ध कुमार पांडेय (संत का मूल नाम) ने वाराणसी से वृंदावन तक की कठिन तपस्या की। यहां उन्होंने श्री हित राधा केली कुंज आश्रम की स्थापना की, जो राधा-कृष्ण भक्ति का वैश्विक केंद्र बन चुका है।
यादव ने लिखा, “संत महाराज की शिक्षाएं—जैसे ‘वृंदावन निवृत्त निकुंज उपासना’ और ‘नित्य विहार रास’—लाखों-करोड़ों लोगों को प्रेम और भक्ति का मार्ग दिखाती हैं। वे समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो आधुनिक जीवन में तनाव से मुक्ति का संदेश देते हैं। उनके अनुयायी न केवल भारत बल्कि विदेशों में फैले हैं।” पत्र में मांग की गई है कि संत के योगदान को मान्यता देते हुए भारत रत्न प्रदान किया जाए, जो उनकी भक्तों की भावनाओं को सम्मानित करेगा।
संत प्रेमानंद महाराज का संक्षिप्त परिचय: 13 साल की उम्र में संन्यास, वृंदावन की धरती पर भक्ति का नया अध्याय
संत प्रेमानंद महाराज का जन्म 1972 में कानपुर के सरसौल ब्लॉक के अखरी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन से ही भक्ति में रमे बालक अनिरुद्ध ने 13 वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया। वाराणसी में गंगा स्नान और तपस्या के बाद वे वृंदावन पहुंचे, जहां श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज से दीक्षा ली। राधावल्लभ संप्रदाय से जुड़कर उन्होंने भक्ति मार्ग को सरल बनाया।
आज उनका श्री हित राधा केली कुंज आश्रम वृंदावन का प्रमुख केंद्र है, जहां दैनिक सत्संग लाखों भक्तों को आकर्षित करते हैं। सोशल मीडिया पर उनके प्रवचान वायरल होते हैं, और हस्तियां जैसे एल्विश यादव, राज कुंद्रा व शिल्पा शेट्टी उनके दर्शन को पहुंचती हैं। हाल ही में स्वास्थ्य खराब होने की अफवाहों पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संत बिल्कुल ठीक हैं। संत स्वयं कहते हैं, “प्रेम प्राप्ति का सबसे सरल मार्ग वृंदावन धाम और ब्रज-राज का आश्रय लेना है।”
सोशल मीडिया पर समर्थन: कई यूजर्स ने की मांग, #PremanandJiMaharaj ट्रेंड
यह मांग सोशल मीडिया पर भी गूंज रही है। अमर उजाला की पोस्ट पर सैकड़ों व्यूज के साथ चर्चा हो रही है। डॉ. देवेंद्र डांगी जैसे यूजर्स ने ट्वीट किया, “महाभगवत पूज्य श्री प्रेमानंद जी महाराज विश्व धरोहर हैं। भारत सरकार को उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए।” राहुल कुमार ठाकुर ने भी पीएमओ को टैग कर मांग दोहराई। एक यूजर ने लिखा, “संत महाराज ने जीवन को नई दिशा दी, भारत रत्न उनका हक है।”
भारत रत्न की प्रक्रिया: क्या होगा अगला कदम?
भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो कला, साहित्य, विज्ञान या सार्वजनिक सेवा में असाधारण योगदान वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। प्रधानमंत्री को पत्र भेजना एक प्रभावी कदम है, लेकिन आमतौर पर राज्यपाल, मंत्रिपरिषद या 10 से अधिक सांसदों की सिफारिश पर चयन होता है। सतेंद्र यादव की यह पहल अन्य कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर सकती है। पीएमओ से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।






