कासगंज: उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में शनिवार दोपहर सदर तहसील परिसर में एक बड़ा हंगामा हो गया। नगर पालिका चेयरमैन मीना माहेश्वरी अपने पति व पूर्व चेयरमैन राजेंद्र बोहरे, सभासदों और पालिका स्टाफ के साथ धरने पर बैठ गईं। उनका आरोप है कि सदर एसडीएम संजीव कुमार ने उनके साथ अभद्रता की और जेल भिजवाने की धमकी दी। विवाद की जड़ डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन एजेंसी को अतिरिक्त वाहन सौंपने के निर्देश बताए जा रहे हैं। धरने के दौरान एसडीएम के खिलाफ जोरदार नारेबाजी हुई, जिसे बाद में एडीएम दिग्विजय प्रताप सिंह ने समझा-बुझाकर समाप्त कराया।
विवाद की पूरी कहानी: वाहनों के बंटवारे पर भिड़े नगर पालिका और प्रशासन
नगर पालिका के पास डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कुल 18 वाहन उपलब्ध हैं। इनमें से 14 पहले से ही नामित एजेंसी को सौंप दिए गए हैं, जबकि केवल चार वाहन पालिका के कर्मचारियों के पास हैं। पूर्व चेयरमैन राजेंद्र बोहरे ने बताया कि शुक्रवार से ही सदर एसडीएम संजीव कुमार और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी संजीव कुमार दबाव बना रहे थे कि ये शेष चार वाहन भी एजेंसी को दे दिए जाएं।
शनिवार को बोहरे एसडीएम के कक्ष में इस मुद्दे पर चर्चा करने पहुंचे। एजेंसी के मैनेजर भी मौजूद थे। अतिरिक्त वाहन देने से इनकार करने पर एसडीएम ने कथित तौर पर अभद्रता की। बोहरे ने कहा, “उन्होंने थाने से पुलिस बुला ली और मुझे जेल भिजवाने की धमकी दी। यह सब इसलिए क्योंकि हम पालिका के हितों की रक्षा कर रहे थे।” आक्रोशित होकर बोहरे ने चेयरमैन मीना माहेश्वरी, सभासदों और स्टाफ को साथ लेकर सदर तहसील में धरना शुरू कर दिया। धरने के दौरान एसडीएम के खिलाफ “अभद्रता बंद करो” और “सख्त कार्रवाई हो” जैसे नारे लगाए गए।
एसडीएम का पक्ष: पूर्व चेयरमैन ने मैनेजर से की गाली-गलौज
दूसरी ओर, सदर एसडीएम संजीव कुमार ने आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि शनिवार को उनके कक्ष में पूर्व चेयरमैन राजेंद्र बोहरे और एजेंसी मैनेजर के बीच वाहनों को लेकर बात हो रही थी। तभी बोहरे भड़क गए और मैनेजर से गाली-गलौज करने लगे। एसडीएम ने कहा, “मैंने शांति बनाए रखने के लिए दोनों को बाहर जाने को कहा। कोई अभद्रता या धमकी नहीं दी गई। यह सब पालिका की सुचारू कार्यप्रणाली के लिए था।” एसडीएम ने जोर देकर कहा कि वाहनों का बंटवारा स्वच्छता अभियान को मजबूत करने के उद्देश्य से था, न कि किसी व्यक्तिगत दबाव के तहत।
धरना समाप्त: एडीएम की मध्यस्थता से बनी बात
धरने की सूचना मिलते ही एडीएम दिग्विजय प्रताप सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों को शांत कराया और आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। मीना माहेश्वरी ने कहा, “हमने एडीएम के आश्वासन पर धरना समाप्त किया, लेकिन एसडीएम की अभद्रता पर कार्रवाई जरूरी है।” सभासदों ने भी समर्थन जताया कि पालिका के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।
पृष्ठभूमि: कासगंज नगर पालिका में बढ़ते विवाद
यह घटना कासगंज नगर पालिका में हाल के विवादों की कड़ी में एक और कड़ी है। चेयरमैन मीना माहेश्वरी (बीजेपी) के नेतृत्व में पालिका ने स्वच्छता और विकास पर जोर दिया है, लेकिन सभासदों के साथ टकराव की खबरें आती रहती हैं। मई 2025 में सभासदों और चेयरमैन सलाहकार के बीच मारपीट हुई थी, जबकि जून में सभासदों ने बजट मीटिंग के रजिस्टर की मांग को लेकर धरना दिया था। चेयरमैन ने दावा किया कि दो वर्षों में जितना विकास हुआ, उतना पिछले दस वर्षों में नहीं। वहीं, विपक्ष ने प्रशासन पर हस्तक्षेप का आरोप लगाया है।