फिरोजाबाद: जिले के नारखी थाना क्षेत्र के नगला सुंदर गांव में रविवार रात एक 10 वर्षीय दिव्यांग बच्ची की पोखर में डूबने से मौत हो गई। सोमवार दोपहर जब बच्ची का शव पोखर के पानी में उतराता हुआ मिला, तब जाकर परिजनों को इस घटना की जानकारी हुई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है। दिव्यांग होने के कारण बच्ची के चलने-फिरने में असमर्थता के चलते परिजनों ने संदिग्ध परिस्थितियों पर सवाल उठाए हैं।
घटना का विवरण: रात में गायब, दोपहर में शव मिला
नगला सुंदर के डेरा बंजारा, खगरई निवासी जान मोहम्मद की 10 वर्षीय बेटी शायना पैर से दिव्यांग थी और चल नहीं पाती थी। जान मोहम्मद के अनुसार, शायना रविवार रात को अपने घर में चारपाई पर सो रही थी। देर रात करीब 1 बजे जब परिजनों की नींद खुली, तो बच्ची को बिस्तर पर नहीं पाया। इसके बाद परिजनों ने शायना की तलाश शुरू कर दी। सोमवार सुबह भी आसपास के गांवों में खोजबीन की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
सोमवार दोपहर लगभग 12 बजे गांव के लोगों ने घर के पास स्थित पोखर (तालाब) में शायना का शव उतराता हुआ देखा। शव फूल चुका था, जिससे घटना रविवार रात की होने का संकेत मिला। यह खबर मिलते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया और मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। शायना के चाचा इस्लाम ने बताया कि वह दिव्यांग होने के कारण चल-फिर नहीं पाती थी। सूचना मिलते ही नारखी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को पोखर से बाहर निकालवाकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।
पुलिस जांच: रात में कैसे पहुंची पोखर?
सीओ टूंडला अमरीश कुमार ने बताया कि पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि रात के अंधेरे में दिव्यांग बच्ची पोखर तक कैसे पहुंची। प्रारंभिक जांच में डूबने का कारण बताया जा रहा है, लेकिन परिस्थितियां संदिग्ध लग रही हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जो मौत के सटीक कारण का पता लगाएगी। पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है और गांव में सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
परिजनों का शक: कहीं कुछ गलत तो नहीं?
दिव्यांग बच्ची के संदिग्ध परिस्थिति में डूबने के कारण गांव में हलचल मची हुई है। परिजन शक जता रहे हैं कि कहीं बच्ची के साथ कुछ गलत तो नहीं हुआ। बच्ची रात में सोते समय आखिर कैसे गायब हुई? वह चल-फिर नहीं पाती थी तो उसे वहां तक कौन ले गया? परिजनों के मन में कई सवाल कौंध रहे हैं। जान मोहम्मद ने कहा, “हमारी बेटी बिल्कुल असहाय थी, किसी ने उसे जानबूझकर नुकसान पहुंचाया हो सकता है।” गांववालों ने भी मांग की है कि मामले की गहन जांच हो और दोषियों को सजा मिले।