आगरा। भारत के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों को एकजुट कर उनके संरक्षण, विकास और वैश्विक प्रचार-प्रसार के लिए ‘ज्योतिर्लिंग बोर्ड’ के गठन की मांग ने जोर पकड़ लिया है। ज्योतिर्लिंग बोर्ड बनाओ अभियान समिति के राष्ट्रीय संयोजक और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस मांग को प्रबलता से उठाया है।
ज्योतिर्लिंग: भारत की आध्यात्मिक धरोहर
भारत के 12 ज्योतिर्लिंग, जो देश के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं, हिंदू धर्म की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक हैं। ये हैं:
- श्री सोमनाथ (गुजरात)
- श्री मल्लिकार्जुन (आंध्र प्रदेश)
- श्री महाकालेश्वर (मध्य प्रदेश)
- श्री केदारनाथ (उत्तराखंड)
- श्री भीमाशंकर (महाराष्ट्र)
- श्री काशी विश्वनाथ (उत्तर प्रदेश)
- श्री त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र)
- श्री नागेश्वर (गुजरात)
- श्री बाबा बैद्यनाथ (झारखंड)
- श्री रामेश्वरम (तमिलनाडु)
- श्री घृष्णेश्वर (महाराष्ट्र)
- श्री बटेश्वर (उत्तर प्रदेश)
ज्योतिर्लिंग बोर्ड की आवश्यकता
अनिल कुमार गुप्ता ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि ज्योतिर्लिंग बोर्ड के गठन से इन पवित्र स्थलों का बहुमुखी विकास संभव होगा। सदियों से उपेक्षित इन धार्मिक स्थलों का प्रचार-प्रसार वैश्विक स्तर पर हो सकेगा, जिससे विश्व भर के भक्त इनका महत्व समझ सकेंगे। बोर्ड के गठन से:
🔹सड़क, रेल और हवाई मार्ग के माध्यम से इन ज्योतिर्लिंगों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
🔹विश्व के कोने-कोने से भक्त आसानी से दर्शन के लिए पहुंच सकेंगे।
🔹इन स्थलों का संरक्षण, रखरखाव और पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा।
गुप्ता ने यह पत्र उन 12 लोकसभा सांसदों को भी भेजा है, जिनके क्षेत्र में ये ज्योतिर्लिंग स्थित हैं, ताकि इस मांग को संसद में और बल मिले।
बटेश्वर: भोलेनाथ का पवित्र धाम
ज्योतिर्लिंगों में बटेश्वर का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव का पवित्र धाम माना जाता है, जिसका उल्लेख कविता में भी किया गया है:
मेरे भोले नाथ बटेश्वर || तुम हो सबके दृष्टि अगोचर | धाम तुम्हारो गाँव बटेश्वर, आए नहीं तुम धाए बटेश्वर | मेरे भोले नाथ बटेश्वर || – शंकर देव
यह कविता भोलेनाथ के प्रति भक्ति और बटेश्वर के महत्व को दर्शाती है। कवि शंकर देव ने अपनी रचना में बटेश्वर को विश्व कल्याण का केंद्र बताया है, जहां भोलेनाथ भक्तों के कष्ट हरते हैं। कविता में ज्योतिर्लिंग बोर्ड के गठन की मांग को भी बल मिलता है, जो इन धामों को पुनर्जनन और वैश्विक पहचान दिलाने में सहायक होगा।
भविष्य की राह
ज्योतिर्लिंग बोर्ड के गठन से न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक संरक्षण को भी बल मिलेगा। अभियान समिति का कहना है कि सरकार को अविलंब इस दिशा में कदम उठाना चाहिए। बटेश्वर सहित सभी ज्योतिर्लिंगों को एक मंच पर लाकर उनकी महिमा को विश्व पटल पर स्थापित करने का समय आ गया है।
_________________
🔹शंकर देव तिवारी
📍जय भोले की, जय बटेश्वर की!📍