आगरा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्यता को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश रिवीजन दाखिल करने का शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है माननीय मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण कराया जाता रहा है। ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह छौंकर ने कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी शिक्षामित्र भी दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त हैं और 25 वर्ष शिक्षण कार्य करने का अनुभव रखते हैं शिक्षामित्रों की 25 वर्ष की सेवा व योग्यता को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है शिक्षामित्र भी समय समय पर प्रशिक्षण करते रहे हैं।
आज भी आधारभूत साक्षरता और सँख्यात्मकता( FLN) प्रशिक्षण ले रहे हैं शिक्षामित्र भी वही कार्य करते हैं जो शिक्षक करते हैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2011 में टेट लागू होने से पूर्व के नियुक्त शिक्षक व शिक्षामित्रों की योग्यता समान हो जाती है अब सरकार को नॉन टेट पास शिक्षकों का बेतन भी घटाकर शिक्षामित्रों के समान 10 हजार कर देना चाहिए और जो टेट पास शिक्षामित्र हैं उनका बढ़ाकर शिक्षकों के बराबर करना चाहिए क्योंकि आज 50 हजार से अधिक शिक्षामित्र टेट पास हैं तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE)द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार शिक्षक की सारी अर्हता रखते हैं।
शिक्षामित्रों की नियुक्ति भी 2011 में टेट लागू होने से पूर्व की है जब सरकार शिक्षकों के लिए कोर्ट जा सकती है तो शिक्षामित्रों के लिए क्यों नहीं । सरकार से माँग है कि शिक्षामित्रों के साथ भी न्याय करते हुए समान कार्य समान बेतन या प्रशिक्षण बेतन मान देकर भविष्य को सुरक्षित एवं संरक्षित करने का काम करें।
- रिपोर्ट – मुहम्मद इस्माइल