आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में सोमवार शाम को बल्केश्वर स्थित महालक्ष्मी मंदिर के यमुना किनारे के पास एक पुरानी दीवार ढह गई, जिससे हादसे की आशंका पैदा हो गई। मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के दौरान मौजूद लोगों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली थी, लेकिन जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने स्पष्ट किया कि सभी लोग सुरक्षित हैं और घर पर पहुंच चुके हैं। कुछ को हल्की चोटें आई हैं। घटना यमुना नदी के उफान का परिणाम मानी जा रही है, क्योंकि नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और आसपास के इलाके जलमग्न हो चुके हैं। पुलिस और गोताखोर तलाशी अभियान में जुटे हैं, जबकि इलाके को सील कर दिया गया है।
सोमवार शाम को बल्केश्वर क्षेत्र के महालक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना का आयोजन चल रहा था। मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इसी दौरान नदी किनारे की एक पुरानी दीवार अचानक ढह गई। मलबा मंदिर परिसर की ओर गिरने से अफरा-तफरी मच गई, और लोग खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोग मलबे में दबे होने की आशंका जताई गई थी, जिसके बाद सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और अधिकारी मौके पर पहुंचे।
घटना स्थल को तुरंत सील कर दिया गया, और किसी को भी मंदिर या नदी किनारे जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। पुलिस के गोताखोरों की टीम यमुना नदी में तलाश अभियान चला रही है, लेकिन अब तक किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दीवार ढहने की आवाज से पूजा रुक गई, और श्रद्धालु घबराहट में बाहर भागे।
DM की प्रतिक्रिया: सभी सुरक्षित, तलाशी जारी
जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने मीडिया को बताया, “जिन लोगों के लापता होने की अफवाहें फैलाई जा रही थीं, वे सभी सुरक्षित हैं और अपने घरों पर पहुंच चुके हैं। उन्हें केवल हल्की चोटें आई हैं। फिर भी, सावधानी के तौर पर मौके पर तलाशी अभियान जारी है।” उन्होंने यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर लोगों से अपील की, “आगरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। नदी के नजदीक न जाएं, और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।”
महालक्ष्मी मंदिर बल्केश्वर महादेव मंदिर परिसर का हिस्सा है, जो 700 वर्ष पुराना है। यह मंदिर यमुना तट पर स्थित होने के कारण बाढ़ प्रभावित इलाकों में आता है। हाल के दिनों में यमुना का उफान ताजमहल की दीवार तक पहुंच चुका है, और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
यमुना बाढ़ का व्यापक असर
आगरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जो ऊपरी क्षेत्रों से छोड़े जा रहे पानी का परिणाम है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नदी का जलस्तर 500.50 फीट तक पहुंच गया है, जो 2023 के स्तर के बराबर है। ताजमहल की दीवारों तक पानी पहुंच गया है, जबकि महताब बाग और एडीए का ताज व्यू पॉइंट प्रभावित हो चुके हैं। गोपाल बांध से 1.60 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे बाढ़ की स्थिति बिगड़ गई। बल्केश्वर जैसे नदी किनारे के इलाके पूरी तरह जलमग्न हैं, और पुरानी संरचनाओं को नुकसान पहुंच रहा है।
प्रशासन ने 83 से अधिक गांवों को हाई अलर्ट पर रखा है। अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, 2000 बीघा से अधिक फसलें डूब चुकी हैं, और कई गांव खाली कराए जा रहे हैं। यह घटना बाढ़ से जुड़ी संरचनात्मक कमजोरियों को उजागर करती है।
विवरण | जानकारी |
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स्थान | बल्केश्वर महालक्ष्मी मंदिर, यमुना किनारे, आगरा |
समय | 8 सितंबर 2025, सोमवार शाम |
कारण | पुरानी दीवार ढहना, संभवतः यमुना उफान का असर |
प्रभावित | पूजा-अर्चना में मौजूद श्रद्धालु (सभी सुरक्षित) |
कार्रवाई | इलाका सील, गोताखोर तलाशी, DM अपील |
यमुना जलस्तर | 500.50 फीट (खतरे के निशान से ऊपर) |
क्या करें नागरिक?
- यमुना नदी के किनारे न जाएं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को।
- बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोग प्रशासन के संपर्क में रहें।
- पुरानी संरचनाओं के पास सावधानी बरतें और मलबे से दूर रहें।
- अगर कोई चोट लगी हो, तो तुरंत मेडिकल सहायता लें।