अलीगढ़: अलीगढ़ में इस बार श्रीरामलीला महोत्सव का भव्य आयोजन 16 सितंबर से 4 अक्तूबर तक अचलताल स्थित रामलीला मैदान में होगा। तैयारियां जोरों पर हैं, और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध अचल सरोवर की सरयू पार लीला दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेगी। श्री आदर्श रामलीला मंडल मथुरा के कलाकार इस बार मंचन करेंगे। साथ ही, 21 सितंबर से श्रीकृष्णलीला महोत्सव भी शुरू होगा, जो चिरंजीलाल कन्या इंटर कॉलेज, आगरा रोड पर आयोजित होगा।
श्रीरामलीला महोत्सव: प्रमुख आकर्षण
श्री रामलीला गोशाला कमेटी के अध्यक्ष विमल अग्रवाल और सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया कि महोत्सव का शुभारंभ 16 सितंबर को गणेश पूजन के साथ होगा। मुख्य कार्यक्रम इस प्रकार हैं:
- 19 सितंबर: टीकाराम मंदिर, सेंटर प्वाइंट से राम बरात निकलेगी, जिसमें नयनाभिराम झांकियां और नामी बैंड शामिल होंगे।
- 21 सितंबर: अचल सरोवर पर सरयू पार लीला का मंचन, जिसमें नौका पर प्रभु श्रीराम को सरयू पार कराने का दृश्य दर्शकों को भावविभोर करता है।
- 24 सितंबर: काली जी की सवारी।
- 27 सितंबर: हनुमान जी की सवारी।
- 2 अक्तूबर: नुमाइश मैदान में दशहरा मेला।
- 4 अक्तूबर: राज्याभिषेक के साथ समापन।
14 साल से महिला निभा रही सीता का किरदार
रामलीला में पिछले 14 वर्षों से एक महिला कलाकार माता सीता का किरदार निभा रही हैं। उनके अभिनय की खासियत राम वन गमन, सरयू पार लीला, और सीता हरण दृश्यों में देखने को मिलती है, जो दर्शकों को भावुक कर देता है। अचल सरोवर पर नौका के साथ मंचित होने वाली सरयू पार लीला पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध है, और इसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती है।
100 साल पुरानी परंपरा
अलीगढ़ की यह रामलीला लगभग 100 साल पहले शुरू हुई थी, जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। उस समय माइक, साउंड, और लाइट की सुविधा नहीं थी, और कलाकार मूक अभिनय से दर्शकों को बांधे रखते थे। कमेटी अध्यक्ष विमल अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता स्व. बालकिशन अग्रवाल भी कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1963 से पहले भी अचल ताल पर रामलीला होती थी। समाजसेवी और पत्रकार महेश सुहृद जैसे नेताओं ने भी इस आयोजन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 1970 के दशक में दर्शकों की भीड़ इतनी होती थी कि उन्हें संभालना मुश्किल हो जाता था।
श्रीकृष्णलीला महोत्सव: 53वां आयोजन
श्रीकृष्ण सेवा संस्थान के तत्वावधान में 21 सितंबर से 4 अक्तूबर तक चिरंजीलाल कन्या इंटर कॉलेज, आगरा रोड पर 53वां श्रीकृष्णलीला महोत्सव होगा। संस्था के महामंत्री प्रेम प्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि सुबह 6:30 बजे से चैतन्य महाप्रभु लीला और रात 8 से 11 बजे तक श्रीकृष्णलीला का मंचन होगा। मुख्य कार्यक्रम:
- 21 सितंबर: श्रीकृष्ण जन्म लीला
- 22 सितंबर: पूतना वध
- 23 सितंबर: माखन लीला
- 24 सितंबर: अभिमन्यु वध
- 25 सितंबर: कालिया मर्दन
- 26 सितंबर: मीरा बाई की लीला
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
ये आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह बढ़ाते हैं, बल्कि अलीगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत रखते हैं। रामलीला और कृष्णलीला के माध्यम से युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और मूल्यों से जोड़ा जाता है। स्थानीय निवासियों से अपील है कि वे इन आयोजनों में शामिल होकर परंपराओं को आगे बढ़ाएं। आयोजकों ने सुरक्षा, बैठने की व्यवस्था, और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने का आश्वासन दिया है।
आयोजन | तारीख | स्थान | मुख्य आकर्षण |
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श्रीरामलीला महोत्सव | 16 सितंबर – 4 अक्तूबर | अचलताल रामलीला मैदान | सरयू पार लीला, राम बरात, दशहरा मेला |
श्रीकृष्णलीला महोत्सव | 21 सितंबर – 4 अक्तूबर | चिरंजीलाल कन्या इंटर कॉलेज | कृष्ण जन्म, कालिया मर्दन, मीरा बाई लीला |
अपील और सुझाव
- दर्शकों से अनुरोध है कि समय पर पहुंचें और आयोजकों के नियमों का पालन करें।
- आयोजन स्थल पर पार्किंग और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाए।
- सोशल मीडिया पर इन आयोजनों को प्रचारित करें ताकि ज्यादा लोग शामिल हो सकें।