आगरा: जिले के थाना शाहगंज पुलिस ने 2 सितंबर 2025 को केदार नगर में एक धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया। इस गिरोह का सरगना राजकुमार लालवानी लोगों को बीमारी और कष्ट दूर करने का लालच देकर हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। पुलिस अब राजकुमार को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है और उसके बैंक खातों की जांच कर रही है।
-
लालच: बीमारी और कष्ट दूर करने के बहाने लोगों को सभाओं में बुलाया जाता था।
-
रीति-रिवाजों पर रोक: शामिल लोगों को कलावा पहनने, तिलक लगाने, और मूर्ति पूजा करने से मना किया जाता था।
-
विवादास्पद रस्में: सभाओं में मांस खाने और खून पीने की रस्म को धर्म परिवर्तन का हिस्सा बताया जाता था।
-
आर्थिक शोषण: कष्ट दूर करने के नाम पर रकम ली जाती थी, जिसे गिरोह के सदस्य बांट लेते थे।
डिजिटल प्रचार
-
गूगल मीट सभाएं: राजकुमार गूगल मीट के जरिए प्रार्थनासभाएं आयोजित करता था, जिसमें स्पेन और दुबई के लोग भी शामिल होते थे।
-
यूट्यूब चैनल: ईसाई धर्म के प्रचार के लिए वीडियो अपलोड किए जाते थे।
-
साक्ष्य: पुलिस ने डायरी और रजिस्टर बरामद किए, जिनमें कई लोगों के नाम और नंबर दर्ज हैं।
फंडिंग और बैंक खातों की जांच
-
फंडिंग के स्रोत: पूछताछ में पता चला कि महाराष्ट्र और हरियाणा से फंडिंग मिल रही थी।
-
बेटी के खाते में रकम: कुछ रकम राजकुमार की बेटी के खाते में भेजी जाती थी।
-
पुलिस कार्रवाई: बैंकों से लेन-देन की जानकारी मांगी गई है।
रिमांड और आगे की जांच
एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि राजकुमार को रिमांड पर लेकर गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए शनिवार को कोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया जाएगा। पुलिस डायरी और रजिस्टर में दर्ज नामों की भी जांच कर रही है।
सामाजिक प्रभाव
-
संवेदनशीलता: धर्मांतरण जैसे मामले सामुदायिक तनाव को बढ़ा सकते हैं।
-
सतर्कता: पुलिस की त्वरित कार्रवाई से भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सकता है।
-
सवाल: क्या इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त कानूनों की जरूरत है?





