अलीगढ़: अलीगढ़ में सोशल मीडिया पर सक्रिय और सुर्खियों में रहने वाली सहायक अध्यापिका चैताली वार्ष्णेय को 75 दिन तक स्कूल से अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित कर दिया गया है। चैताली ने निलंबन के बाद 30 अगस्त को खंड शिक्षा अधिकारी से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा और साफ कहा कि वे बीमारी के कारण स्कूल नहीं आ पाईं, लेकिन अब भी अपने पुराने स्कूल में लौटने को तैयार नहीं हैं। वे किसी अन्य स्कूल में जॉइन करने की इच्छा जता रही हैं।
चैताली वार्ष्णेय बेसिक शिक्षा परिषद के महानगर से सटे महुआ खेड़ा स्कूल में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत थीं। वे 16 जून 2025 से स्कूल नहीं गईं। विभाग ने इस दौरान उनसे संपर्क करने की कोशिश की, पत्राचार किया और साथी शिक्षकों के माध्यम से सूचना भेजी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद 29 अगस्त को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) स्तर पर उन्हें निलंबित कर दिया गया।
सोशल मीडिया पोस्ट से अफवाहें
चैताली की अनुपस्थिति के दौरान उनके सोशल मीडिया पोस्ट ने विभाग में कई अफवाहों को जन्म दिया। 16 जून से पहले उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सरकार द्वारा उनका नंबर बंद कराए जाने और मुकदमों से संबंधित पोस्ट साझा की थीं। इन पोस्टों के कारण उनके निलंबन को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। हालांकि, निलंबन का कारण उनकी लंबी अनुपस्थिति बताया गया है।
शिक्षिका का पक्ष
30 अगस्त को चैताली अपने पति नूतन प्रकाश के साथ लोधा में खंड शिक्षा अधिकारी से मिलीं और अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि वे बीमारी के कारण स्कूल नहीं आ पाईं और विभागीय पोर्टल पर अपनी मेडिकल रिपोर्ट अपलोड कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी के चलते वे फोन भी रिसीव नहीं कर पा रही थीं। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि वे महुआ खेड़ा स्कूल में वापस जॉइन नहीं करना चाहतीं, लेकिन किसी अन्य स्कूल में काम करने को तैयार हैं।
बीएसए का बयान
बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा, “चैताली वार्ष्णेय ने 30 अगस्त को खंड शिक्षा अधिकारी को अपना पक्ष रखा है, लेकिन इससे पहले उन्होंने अपनी अनुपस्थिति का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया था। अब वे लिखित में जवाब देंगी, जिसके आधार पर उनके मामले में आगे का निर्णय लिया जाएगा।”
विभाग में चर्चा
चैताली का निलंबन और उनकी सोशल मीडिया गतिविधियां जिले के शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उनकी अनुपस्थिति और सोशल मीडिया पर सक्रियता ने कई सवाल खड़े किए हैं। विभाग अब उनके लिखित जवाब का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद निलंबन पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
आगे की कार्रवाई
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि चैताली को अपने निलंबन के खिलाफ जवाब देने का पूरा मौका दिया जाएगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो विभाग नियमानुसार कार्रवाई करेगा। साथ ही, उनकी मेडिकल रिपोर्ट की जांच भी की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी अनुपस्थिति का कारण वास्तविक है या नहीं।