रिपोर्ट 🔹राहुल गौड [ब्यूरो चीफ, मथुरा]
मथुरा/यूपी: राधारानी की नगरी बरसाना में स्थित विश्व प्रसिद्ध राधारानी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा बदलाव लागू किया गया है। प्रशासन ने राधाष्टमी के अवसर पर मंदिर तक पहुंचने के लिए एकल मार्ग व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत श्रद्धालुओं को अब मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलना होगा। इस बदलाव का उद्देश्य बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करना और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
राधाष्टमी पर 15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
राधाष्टमी के अवसर पर बरसाना में हर साल लाखों श्रद्धालु राधारानी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इस बार प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि करीब 15 लाख भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आएंगे। इस भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए यातायात और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा, और श्रद्धालुओं को केवल पीली कोठी तिराहा से ही मंदिर मार्ग में प्रवेश करने की अनुमति होगी।
एकल मार्ग और बैरिकेड्स की व्यवस्था
प्रशासन ने मंदिर तक पहुंचने के लिए एकल मार्ग व्यवस्था लागू की है। नया बस स्टैंड से राधारानी मंदिर गेट तक का रास्ता 25 बैरिकेड्स के साथ 500-500 श्रद्धालुओं की टुकड़ियों में बांटा गया है। प्रत्येक टुकड़ी में 500 श्रद्धालु एक साथ मंदिर की ओर बढ़ सकेंगे। कटारा चौक से सुदामा चौक तक छह बैरिकेड्स और नया बस स्टैंड से कटारा चौक तक 12 बैरिकेड्स लगाए गए हैं। इस व्यवस्था से एक बार में 25,000 श्रद्धालुओं को दर्शन की सुविधा मिल सकेगी।
रोपवे सुविधा से मिलेगी राहत
राधारानी मंदिर, जो ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित है, तक पहुंचने के लिए पहले श्रद्धालुओं को 350 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थीं। लेकिन अब नवनिर्मित रोपवे सेवा ने इस यात्रा को और सुगम बना दिया है। 210 मीटर लंबा यह रोपवे 25 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और इसका उद्घाटन जन्माष्टमी से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया था। रोपवे की टिकट की कीमत एक तरफ के लिए 60 रुपये और दोनों तरफ के लिए 100 रुपये प्रति व्यक्ति निर्धारित की गई है। प्रत्येक केबल कार में 6 श्रद्धालु बैठ सकते हैं, और यह प्रति घंटे 72 श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचाने में सक्षम है। यह सुविधा खासकर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए वरदान साबित हो रही है।
यातायात और पार्किंग व्यवस्था में बदलाव
राधाष्टमी के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यातायात व्यवस्था में भी व्यापक बदलाव किए गए हैं। मंदिर मार्ग पर दोपहिया, तिपहिया और अन्य वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा। श्रद्धालुओं के लिए नया बस स्टैंड, माल गोदाम रोड, रामलीला मैदान, और हाइवे पर आईएसबीटी बस स्टैंड जैसे स्थानों पर 25 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। ई-रिक्शा केवल पीली कोठी तिराहा और गोवर्धन रोड कटारा पार्किंग तक संचालित होंगे।
सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम
प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। बड़ी संख्या में पुलिस बल, पीएसी, और कमांडो दस्तों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
मंदिर में नई रेलिंग व्यवस्था
राधारानी मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति ने न्यायालय के आदेश पर नई रेलिंग व्यवस्था लागू की है। मंदिर परिसर में 6 फीट चौड़ी वी-आकार की रेलिंग लगाई गई है, जो प्रवेश द्वार से निकास द्वार तक होगी। इससे श्रद्धालु राधारानी के करीब से दर्शन कर सकेंगे और परिसर में भीड़ एकत्र नहीं होगी। हालांकि, गोस्वामी समाज का एक वर्ग इस व्यवस्था का विरोध कर रहा है।
श्रद्धालुओं के लिए सलाह
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस नई व्यवस्था का पालन करें और दर्शन के लिए निर्धारित मार्ग का उपयोग करें। साथ ही, रोपवे का उपयोग करने वाले श्रद्धालुओं को टिकट पहले से बुक करने की सलाह दी गई है ताकि असुविधा से बचा जा सके।
यह नई व्यवस्था राधारानी मंदिर में दर्शन को और व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बरसाना की यह पवित्र नगरी राधाष्टमी के दौरान भक्ति और उत्साह के रंग में डूब जाएगी, और यह बदलाव श्रद्धालुओं के अनुभव को और बेहतर बनाने में मदद करेगा।
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