नई दिल्ली/एजेंसी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 17 अगस्त 2025 को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में घोषित किया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली में आयोजित संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद इस फैसले की घोषणा की। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में लिया गया, जिसमें NDA के सहयोगी दलों और विपक्ष के साथ विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगाई गई। आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होना है। आइए, जानते हैं कि कौन हैं सीपी राधाकृष्णन और उनकी इस यात्रा के पीछे की कहानी।
सीपी राधाकृष्णन का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जन्म और पृष्ठभूमि: चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन, जिन्हें सीपी राधाकृष्णन के नाम से जाना जाता है, का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ था। वह अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से आते हैं, जो उन्हें सामाजिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाता है।
शिक्षा: राधाकृष्णन ने कोयंबटूर के वी.ओ. चिदंबरम कॉलेज से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शैक्षिक योग्यता ने उन्हें प्रशासनिक और संगठनात्मक कार्यों में मजबूत आधार प्रदान किया।
राजनीतिक और संगठनात्मक सफर
RSS से शुरुआत: राधाकृष्णन का राजनीतिक जीवन 16 साल की उम्र में 1973 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक के रूप में शुरू हुआ। 1974 में वे भारतीय जनसंघ की तमिलनाडु राज्य कार्यकारिणी के सदस्य बने। RSS के साथ उनका गहरा जुड़ाव उनकी वैचारिक नींव को दर्शाता है, जिसने उनकी राजनीति को दिशा दी।
लोकसभा सांसद: 1998 और 1999 में राधाकृष्णन ने कोयंबटूर लोकसभा सीट से BJP के टिकट पर जीत हासिल की। विशेष रूप से, 1998 में कोयंबटूर बम धमाकों के बाद भी उन्होंने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जो उनकी लोकप्रियता और संगठनात्मक कौशल को दर्शाता है।
तमिलनाडु BJP अध्यक्ष: 2004 से 2007 तक उन्होंने तमिलनाडु BJP के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। इस दौरान उन्होंने 93 दिनों तक 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा निकाली, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के खिलाफ जागरूकता, अस्पृश्यता उन्मूलन और नशा विरोधी मुहिम को बढ़ावा देना था।
संसदीय योगदान: संसद में राधाकृष्णन ने वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और वित्त, सार्वजनिक उपक्रमों और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच समिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे और ताइवान जाने वाले पहले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए।
कोयर बोर्ड अध्यक्ष: 2016 से 2020 तक कोयर बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कोयर निर्यात को 2,532 करोड़ रुपये तक पहुंचाया, जो उनकी प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है।
राज्यपाल के रूप में योगदान
झारखंड: फरवरी 2023 से जुलाई 2024 तक राधाकृष्णन झारखंड के राज्यपाल रहे। इस दौरान उन्होंने चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया और आदिवासियों व वंचित वर्गों के लिए काम किया। उन्होंने समान नागरिक संहिता से आदिवासियों को बाहर रखने की वकालत की।
तेलंगाना और पुडुचेरी: मार्च से जुलाई 2024 तक उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार संभाला।
महाराष्ट्र: 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के 24वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उनकी ‘केंद्र और राज्य के बीच सेतु’ की छवि ने उन्हें NDA के लिए महत्वपूर्ण बनाया।
NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार क्यों चुने गए?
NDA ने राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में चुनने के पीछे कई रणनीतिक कारण हैं:
RSS से गहरा जुड़ाव: राधाकृष्णन का RSS के साथ 16 साल की उम्र से जुड़ाव और उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता BJP और RSS के बीच संबंधों को मजबूत करने का संदेश देता है।
दक्षिण भारत पर फोकस: तमिलनाडु से होने के कारण उनका चयन दक्षिण भारत, खासकर 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में BJP की पैठ बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहा जाता है।
संगठनात्मक और संसदीय अनुभव: 40 साल से अधिक का राजनीतिक अनुभव, दो बार सांसद, और संसदीय समितियों में उनकी भूमिका उन्हें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति की भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है।
गैर-विवादास्पद छवि: राधाकृष्णन की स्वच्छ और परिणाम-उन्मुख छवि NDA को विपक्ष के साथ सर्वसम्मति बनाने में मदद कर सकती है।
क्षेत्रीय और वैचारिक संतुलन: उनका तमिलनाडु से होना और RSS-BJP के मूल्यों से जुड़ाव क्षेत्रीय और वैचारिक संतुलन साधने का प्रयास है।
प्रमुख नेताओं की प्रतिक्रियाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: पीएम मोदी ने X पर कहा, “सीपी राधाकृष्णन ने अपनी लगन, बुद्धिमत्ता और शालीनता से खास पहचान बनाई है। उन्होंने तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर काम किया है।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह: शाह ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि उनका अनुभव उच्च सदन की प्रतिष्ठा को बढ़ाएगा।
TDP अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू: नायडू ने राधाकृष्णन के नामांकन का समर्थन करते हुए उन्हें एक अनुभवी और प्रतिष्ठित नेता बताया।
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत: राउत ने राधाकृष्णन को गैर-विवादास्पद और अनुभवी व्यक्तित्व बताते हुए शुभकामनाएं दीं।
उपराष्ट्रपति चुनाव की पृष्ठभूमि
उपराष्ट्रपति का पद जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद खाली हुआ था। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2022 में शुरू हुआ था, लेकिन विपक्ष के साथ टकराव और एक असफल महाभियोग प्रस्ताव के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। चुनाव आयोग ने 9 सितंबर 2025 को मतदान और मतगणना की तारीख घोषित की है, जिसमें नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त और नाम वापसी की तारीख 25 अगस्त है।
अन्य रोचक तथ्य
खेल में रुचि: राधाकृष्णन कॉलेज स्तर पर टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है।
वैश्विक अनुभव: उन्होंने 20 से अधिक देशों की यात्रा की और वैश्विक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
संपत्ति: उनकी घोषित संपत्ति 64.75 करोड़ रुपये है, जो उनकी विश्वसनीयता को और बढ़ाती है।
सीपी राधाकृष्णन का चयन NDA के लिए एक रणनीतिक कदम है, जो दक्षिण भारत में BJP की पैठ बढ़ाने, RSS के साथ संबंधों को मजबूत करने और विपक्ष के साथ सर्वसम्मति बनाने की कोशिश को दर्शाता है। उनकी स्वच्छ छवि, लंबा प्रशासनिक अनुभव और वैचारिक प्रतिबद्धता उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए एक मजबूत दावेदार बनाती है। 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव यह तय करेगा कि क्या राधाकृष्णन NDA की इस सियासी बिसात पर जीत हासिल कर पाएंगे।