🔹 मातृ उन्मुखीकरण के तहत आयोजित बैठक में शिक्षा की नई सोच और जनभागीदारी की झलक
रिपोर्ट 🔹गोविन्द पाराशर
खेरागढ़ (आगरा)। सरकारी स्कूलों में अब सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की बयार बह रही है। इसका जीवंत उदाहरण खेरागढ़ के उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय में देखने को मिला, जहाँ मातृ उन्मुखीकरण के तहत आयोजित अभिभावक-शिक्षक बैठक (PTM) में भारी संख्या में माताएं बच्चों की शिक्षा में सहभागिता दिखाने पहुँचीं।
शिक्षा में सामूहिक सहभागिता की पहल
यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सामाजिक अभियान बन गई। खंड शिक्षाधिकारी महेश चंद्र के मार्गदर्शन में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता नगर पंचायत सभासद अमरनाथ और विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) की अध्यक्ष श्रीमती मधु ने की। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों के सम्मान से हुई।
“विद्यालय अब समाज को शिक्षित करने का केंद्र बनता जा रहा है” – मीना पुष्कर
विद्यालय की प्रभारी एवं एसआरजी मीना पुष्कर ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि यह विद्यालय अब सिर्फ ज्ञान का स्थान नहीं, बल्कि समाज में शिक्षा की चेतना फैलाने वाला केंद्र बन चुका है। उन्होंने सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए माताओं से आग्रह किया कि वे बच्चों को नियमित स्कूल भेजें और पढ़ाई में सहयोग करें।
खेल-खेल में शिक्षा, निपुण भारत मिशन की जानकारी
मीना पुष्कर ने कहा कि शिक्षा को रोचक बनाना आज की आवश्यकता है। निपुण भारत मिशन के तहत कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की आधारभूत साक्षरता व संख्यात्मक ज्ञान पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने शिक्षकों से संवाद करते हुए यह भी कहा कि पढ़ाई बोझ नहीं, प्रेरणा बननी चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस आयोजन की रूपरेखा बनी, अभिभावकों से सहभागिता की अपील
बैठक में आगामी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस समारोह को लेकर भी चर्चा की गई। विद्यालय की ओर से माताओं और अभिभावकों को इस आयोजन में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया गया ताकि बच्चों में देशभक्ति की भावना को और प्रबल किया जा सके।
विद्यार्थियों और माताओं को किया गया सम्मानित
अंत में, बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को उपहार देकर सम्मानित किया गया। वहीं, माताओं को भी प्रेरणात्मक रूप में उपहार भेंट किए गए — यह एक सकारात्मक संदेश था कि माताएं भी शिक्षा व्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
आपसी संवाद व जलपान के साथ कार्यक्रम का समापन
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों और अभिभावकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। पूरे विद्यालय स्टाफ ने पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ भागीदारी निभाई और बच्चों के सर्वांगीण विकास का संकल्प दोहराया।
खेरागढ़ कंपोजिट विद्यालय में आयोजित यह अभिभावक शिक्षक बैठक केवल एक बैठक नहीं, बल्कि शिक्षा में जनसहभागिता की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुई। निपुण भारत मिशन, मातृ उन्मुखीकरण और शिक्षक-अभिभावक संवाद जैसे प्रयासों से यह स्पष्ट है कि यदि सभी पक्ष मिलकर कार्य करें, तो सरकारी विद्यालय भी गुणवत्ता की नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
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