रिपोर्ट 🔹सुशील गुप्ता
फतेहाबाद (आगरा)। आगरा के फतेहाबाद में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। विजय नगर कॉलोनी से 80 दिन पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुए मासूम अभय प्रताप (8) का शव शनिवार को राजस्थान के मनिया थाना क्षेत्र में प्लास्टिक के बोरे में बंद और खेत में दफन मिला।
मासूम की हालत देख हर किसी का कलेजा कांप उठा। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। जैसे ही अभय का शव गांव पहुंचा, परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। “हत्यारों को फांसी दो… फांसी दो…” के नारों के बीच लोगों ने शव को आगरा-फतेहाबाद मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया।
अपहरण और फिरौती का गंदा खेल
30 अप्रैल की शाम कक्षा एक में पढ़ने वाला अभय प्रताप अपने घर के पास खेलते हुए अचानक गायब हो गया था। परिवारवालों ने आस-पास और रिश्तेदारों के यहां खूब तलाश की, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। थक-हारकर परिजनों ने फतेहाबाद थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज कराया।
पुलिस की ढीली कार्रवाई के बीच कुछ दिन पहले अभय के परिवार को फिरौती की मांग वाले दो पत्र मिले। लेकिन इसके बाद भी पुलिस न तो आरोपियों तक पहुंच पाई और न ही मासूम की जान बचा सकी।
राजस्थान के खेत से निकली खौफनाक सच्चाई
शनिवार को पुलिस ने एक संदिग्ध की मोबाइल लोकेशन ट्रेस की। यह लोकेशन राजस्थान के मनिया थाना क्षेत्र में थी। पुलिस जब वहां पहुंची और एक खेत में खुदाई कराई तो मिट्टी के अंदर से प्लास्टिक का बोरा निकला। बोरे को खोलते ही सबके पैरों तले जमीन खिसक गई—उसमें मासूम अभय का शव था।
शव की हालत बेहद खराब थी। पुलिस को शक है कि अभय का अपहरण फिरौती के लिए किया गया और जब योजना फेल हुई तो उसकी हत्या कर दी गई।
फतेहाबाद के एसीपी अमरदीप लाल ने बताया,
“हमने बच्चे का शव बरामद कर लिया है। इस जघन्य हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। जल्द ही दोषियों को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा।”
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
अभय के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों का कहना है कि अगर शुरुआती दिनों में सख्ती दिखाई होती तो आज उनका लाल जिंदा होता। गुस्साए ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द हत्यारों को पकड़ा नहीं गया तो फतेहाबाद में बड़ा आंदोलन होगा।
गांव में मातम और गुस्से का माहौल
अभय के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। मां बार-बार बेसुध हो रही है। गांव के लोग भी इस दरिंदगी से दहल उठे हैं। चारों तरफ बस एक ही आवाज गूंज रही है:
“हत्यारों को फांसी दो… अभय को इंसाफ दो…”
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