जनता पूछ रही है – कब तक चलेगा ऐसा भ्रष्टाचार? रोडवेज बस स्टैंड बना हादसों को न्यौता!
- 👉 “फतेहाबाद बस स्टैंड: घटिया निर्माण का खेल या लीपापोती का घोटाला?”
- 👉 “जर्जर दीवारें, घटिया सामग्री और अफसरशाही की चुप्पी!”
📌 हाइलाइट्स
• जर्जर दीवारों पर हो रहा प्लास्टर, कभी भी गिरने का खतरा।
• घटिया सामग्री का हो रहा खुलेआम उपयोग।
• अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत का आरोप।
• क्षेत्रीय प्रबंधक को नहीं दिखी कोई गड़बड़ी।
रिपोर्ट 🔹सुशील गुप्ता
फतेहाबाद/आगरा। सालों से खस्ताहाल पड़े फतेहाबाद रोडवेज बस स्टैंड पर आखिरकार निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन यहां भी सरकारी अफसरशाही और ठेकेदार की मिलीभगत से चल रहा है “घटिया निर्माण सामग्री और लीपापोती का गोरखधंधा”।

कस्बे की जनता सालों से इस बस स्टैंड के निर्माण की मांग कर रही थी। बाउंड्री वॉल टूटी पड़ी थी, खरंजों में बड़े-बड़े गड्ढों के कारण जलभराव की समस्या आम हो गई थी। लेकिन अब जब विभाग ने निर्माण कार्य शुरू कराया तो उम्मीदें टूटती नजर आ रही हैं।
जर्जर दीवारों पर प्लास्टर कर छिपाई जा रही हकीकत!
ठेकेदार द्वारा नई बाउंड्री वॉल बनाने के बजाय जर्जर और दरक चुकी दीवारों पर सीधा प्लास्टर कर उन्हें मजबूत दिखाने की कोशिश की जा रही है। यह दीवारें कभी भी गिर सकती हैं और बड़ा हादसा हो सकता है।

बस स्टैंड का कर्मचारी भवन भी दे रहा मौत को न्यौता
बस स्टॉप के भीतर रोडवेज कर्मचारियों के लिए बना भवन भी वर्षों पुराना और जर्जर है। लेकिन ठेकेदार उसकी मरम्मत कर उसे नया दिखाने का प्रयास कर रहा है।
क्षेत्रीय प्रबंधक की आंखें हुईं बंद?
1 जुलाई से चल रहे इस निर्माण कार्य का निरीक्षण करने बुधवार को क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रह्मम प्रकाश अग्रवाल बस स्टैंड पहुंचे। लेकिन हैरानी की बात ये रही कि उन्होंने कहीं कोई कमी नज़र ही नहीं आई! उन्होंने आंख मूंदकर निरीक्षण किया और चले गए।

जनता का सवाल – कब तक ऐसे चलेगा?
कस्बे की जनता सवाल कर रही है कि क्या यह निर्माण कार्य बस “कागजों में गुणवत्ता” और “जमीन पर लीपापोती” का एक और उदाहरण है? लाखों रुपये के बजट में ऐसा घटिया काम आखिर क्यों हो रहा है?
___________