लखीमपुर खीरी: जिले में बुधवार सुबह आंधी-बारिश से जिले के कई क्षेत्रों में भयंकर नुकसान हुआ। निघासन क्षेत्र में दो अलग-अलग घटनाओं में एक बुजुर्ग महिला और पिता-पुत्री की आंधी के दौरान हुए हादसों में मौत हो गई। इसके अलावा कई जगह पेड़ गिरने से घरों को नुकसान पहुंचा है। कई लोग घायल हो गए हैं। पलिया, मझगईं व बिजुआ क्षेत्र में भी कई जगह सड़कों पर पेड़ गिरने से रास्ते बाधित हो गए। रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से मैलानी से नानपारा के बीच ट्रेनों का संचालन बंद रहा।
मझगईं थाना क्षेत्र के गांव छेदुई पतिया फार्म निवासी रक्षपाल सिंह बुधवार सुबह अपने परिवार के साथ घर में ईंटों की दीवार पर पड़े छप्पर के नीचे सो रहे थे। सुबह आई तेज आंधी में दीवार के साथ छप्पर गिर गया। इससे रक्षपाल सिंह (45), उनकी पत्नी सर्वजीत कौर (40), दूसरी पत्नी सीता कौर (38), 13 वर्षीय पुत्र गुरजीत और 10 वर्षीय पुत्री रमनदीप मलबे में दब गए। पड़ोसियों ने किसी तरह उन्हें बाहर निकाला। तब तक पुत्री रमनदीप की मौत हो चुकी थी। रक्षपाल की हालत गंभीर थी, उन्हें जिला अस्पताल ले जा रहे थे कि रास्ते में उन्होंने भी दम तोड़ दिया। अन्य तीनों घायलों का निघासन सीएचसी में इलाज चल रहा है।
80 वर्षीय महिला की मौत
निघासन क्षेत्र के गांव ग्रंट नेंबर 12 निवासी स्वर्गीय मैकू की 80 वर्षीय पत्नी फुलवासा घर में दीवार के सहारे पड़ी टीनशेड के नीचे सो रही थी। बुधवार सुबह 6:30 बजे अचानक आई तेज आंधी से टीनशेड और उस पर रखी ईटें वृद्धा पर गिर गईं। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। आनन-फानन परिजन उनको लेकर फूलबेहड़ सीएचसी पहुंचे, वहां उनकी मौत हो गई। सीएचसी अधीक्षक कमलेश नारायण ने बताया कि हेड इंजरी होने से महिला की मौत हुई है।
पलिया क्षेत्र में तेज आंधी के कारण कई जगहों पर पेड़ गिर गए। पेड़ गिरने से पलिया-भीरा मुख्य मार्ग भी बाधित हो गया। इस मार्ग पर करीब दस जगहों पर पेड़ गिरने से आवागमन भी पूरी तरह से प्रभावित रहा। वन विभाग के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों की मदद से दोपहर बाद तक पेड़ों को काटकर रास्ता खोलने का कार्य चलता रहा। इलाके में बारिश और ओलावृष्टि भी हुई।
पेड़ गिरने से कई घरों को नुकसान
मेलाघाट में संकटा प्रसाद, संदेश कुमार, आदेश कुमार, रामदेव, धीरज कुमार, शिशुपाल के घरों पर वर्षों पुराना पेड़ गिर गया, जिससे अंदर का लिंटर तक चटक गया है। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। हालांकि ग्रामीणों का काफी नुकसान हुआ है। अतरिया गांव में पुराना पेड़ गिरने से दिनेश कश्यप, दुलारे कश्यप, हजारी कश्यप आदि की एक गाय व एक बछिया की मौत हो गई। वहीं पेड़ गिरने से घरों को भी नुकसान पहुंचा है। पलिया कोतवाली में खड़ी स्टाफ की गाड़ियों पर भी वहां लगे पेड़ गिरे हैं, जिसके चलते गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं।
मझगईं क्षेत्र में बुधवार को सुबह आए तूफान से पूरे इलाके में कहर बरपा। लोगों के घरों पर पड़ी टीनशेड, छप्पर जहां उड़ गए, वहीं पेड़ गिरने से कई लोग घायल हो गए। सबसे अधिक मझगईं, नौगवां, बेला, कोठिया, त्रिलोकपुर, बल्लीपुर में नुकसान हुआ है। दीवार व पेड़ गिरने से 35 वर्षीय रेनू देवी पत्नी मंजीत कुमार निवासी वनघुसरी, इमलिया निवासी मेवालाल की 15 वर्षीय पुत्री सोनिका, बेला कलां के 50 वर्षीय कैसर निशा व उनके 55 वर्षीय पति लियाकत भी घायल हुए हैं।
पलिया में 35 पोल गिरने से बिजली आपूर्ति ठप
पलियाकलां में आंधी-तूफान से पूरे शहर की बिजली व्यवस्था चरमरा गई है। ग्रामीण क्षेत्रों का हाल तो और अधिक बुरा है। पलिया शहरी क्षेत्र की बात करें तो करीब 35 बिजली खंभे गिर गए हैं। जिनको ठीक करने के लिए विद्युत निगम के कर्मचारी लगे हुए हैं। अधिकारियों की मानें तो विद्युत आपूर्ति देर रात या फिर बृहस्पतिवार को आने की संभावना है।
रेलवे ट्रैक पर गिरे पेड़, ट्रेनें निरस्त
पलिया-भीरा मार्ग पर कई जगहों पर रेलवे ट्रैक पर विशालकाय पेड़ गिर जाने के कारण पलिया से मैलानी व मैलानी से नानपारा जाने वाली ट्रेनों का संचालन भी बंद रहा। आंधी के कारण पलिया रेलवे स्टेशन के कुछ दूरी पर ही एक विशाल पेड़ गिर गया, जिसको काटने के लिए रेल कर्मियों के अलावा अन्य लोग लगे रहे। इसके अलावा रेलवे लाइन पर शारदा पुल के आगे भी करीब चार छोटे-बड़े पेड़ गिर गए। जिसके चलते पलिया-मैलानी व नानपारा-मैलानी की ट्रेनों को फिलहाल के लिए निरस्त कर दिया गया।
निघासन क्षेत्र में आंधी की चपेट में गंगाबेहड़, बोधिया, बम्हनपुर, बनघुसरीऋ, मुर्गहा, दौलतपुर, खैरहना, धर्मापुर, मुन्नापुरवा, भदुरैहिया, सिसवारा, धोबीपुरवा, सलीमाबाद, हक्कलपुरवा, लोखेंदरपुर, रकेहटी सहित दर्जनों गांव आए। सैकड़ों घरों के छप्पर उड़ गए या दीवारें गिर गईं। हादसों में कई मवेशी मर गए।
प्रशासन ने शुरू की राहत प्रक्रिया
घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम निघासन राजीव निगम और मझगई थाना प्रभारी राजू राव ने नुकसान का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि क्षेत्रीय लेखपाल को सर्वे के लिए भेज दिया गया है। पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है और शासन स्तर से आर्थिक सहायता दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आंधी ने उड़ाई बिजली
विद्युत संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते जनपद की बिजली व्यवस्था पहले ही चरमराई हुआ है। बुधवार सुबह आई आंधी ने व्यवस्था और चौपट कर दी। आंधी से कई जगह बिजली लाइन पर पेड़ गिरने से आपूर्ति ठप हो गई। विभाग के पास कर्मचारियों की संख्या कम होने से दो घंटे के काम में 10-10 घंटे लगे हैं। आपूर्ति न मिलने से उपभोक्ता बेहाल हैं।
निघासन क्षेत्र में आंधी और बारिश के बाद कई गांवों में आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई। पेड़ों के गिरने से लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। कर्मियों की गैर मौजूदगी में फॉल्ट समय पर ठीक नहीं हो सके। विद्युत उपकेंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण फीडर बंद पड़े। इससे क्षेत्र की बिजली व्यवस्था चरमरा गई। हजारों की आबादी को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निघासन डिवीजन के एक्सईएन रवींद्र कुमार यादव ने बताया कि हड़ताल के चलते संकट है। सीमित टीजीटू कर्मियों को उपकेंद्र संचालन में लगाया गया है। आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने उम्मीद है कि देर शाम तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।