आगरा: जिले में बड़े पैमाने पर जमीनों पर कब्जे का खेल चल रहा है। भूमाफिया ने फर्जी तरीके से बैनामा बनवाने वाले गैंग के साथ मिलकर निबंधन विभाग के केंद्रीय अभिलेखागार में सेंध लगाई। एक दर्जन बैनामे में फर्जीवाड़ा सामने आने पर शासन के निर्देश पर जांच के लिए एसआईटी गठित की गई।
चार महीने में एसआईटी पांच से अधिक केस दर्ज कर चुकी है। करीब 15 लोगों को जेल भेज चुकी है। फिर भी फर्जी बैनामा कांड का एसआईटी को ओर-छोर नहीं मिल रहा है। जांच से भटकी एसआईटी अभिलेखागार में कितने बैनामे में फर्जीवाड़ा हुआ यह पता नहीं लगा सकी है।
इधर, पांच बैनामे में फजीवाड़े की शिकायत महानिरीक्षक स्टांप से की गई है। महानिरीक्षक के आदेश पर सहायक महानिरीक्षक एके सिंह ने उप निबंधक तृतीय कार्यालय में जांच कराई। जिनमें पांच बैनामे में और फर्जीवाड़ा सामने आया है। बैनामे का विवरण सहित पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार को उप निबंधक कार्यालय से रिपोर्ट भेजी गई है। दस्तावेजों में कूटरचना के लिए तीन खरीदारों के नाम केस दर्ज करने के लिए कहा गया है। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का कहना है कि एसआईटी जल्द जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जिन मामलों में गड़बड़ियां हैं, उनमें सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ केस
उप निबंधक तृतीय कार्यालय ने पुलिस कमिश्नर को भेजी रिपोर्ट में बैनामे में फर्जीवाड़ा के लिए पक्षकारों की भूमिका संदिग्ध मानी है।
राजकुमार पुत्र बाबूलाल निवासी बस स्टैंड के पास, बाह और राम खिलाड़ी पुत्र टीकम सिंह निवासी राजपुर शमसाबाद एवं अभिषेक अवस्थी पुत्र सत्य प्रकाश अवस्थी निवासी रायगंज, सीपरी बाजार झांसी को दोषी मानते हुए खिलाफ शाहगंज थाने में केस दर्ज कराया है।
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