फतेहाबाद/आगरा: सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कॉलेज में प्रान्तीय योजनान्तर्गत आचार्य एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं शिक्षक उन्नयन संगोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में शिक्षकों ने अनुशासन, बच्चों की शिक्षा में नये तौर-तरीकों, राष्ट्रप्रेम और नैतिक मूल्यों के विकास पर गहन विचार-विमर्श किया।
संगोष्ठी में ‘प्रश्न मंच—प्रश्न आपके, उत्तर हमारे’ सत्र में शिक्षकों ने शिक्षा के बदलते परिवेश पर अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखकर उसमें संस्कार, संस्कृति और देशभक्ति का समावेश आवश्यक है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं कॉलेज के महाप्रबंधक शिशुपालसिंह शरद ने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान देने वाला नहीं, बल्कि समाज निर्माण का शिल्पकार होता है। जिस प्रकार माली फूलों को सवांरता है, उसी प्रकार गुरु अपने छात्रों के जीवन को आकार देता है। शिक्षा में संस्कार और संस्कृति का समावेश ही विद्यार्थियों को सच्चा नागरिक बनाता है। बच्चों को मोबाइल की लत से मुक्त कर अध्ययन की ओर प्रेरित करना आज सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि विद्यालयों का वातावरण तभी आदर्श बन सकता है जब शिक्षक स्वयं अनुशासन और सेवा भावना का उदाहरण प्रस्तुत करें।इस अवसर पर राम औरत प्रबंधक बृज प्रांत तथा सतीश बरेली-बदायूं क्षेत्र ने भी कहा कि शिक्षण में नवाचार और बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।कार्यक्रम के दौरान हाईस्कूल परीक्षा में जिले की टॉप सूची में शामिल छात्राएं ईशा गुर्जर और पल्लवी मौर्या का शिशुपाल शरद द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और शिक्षक संकल्प के साथ हुआ। इस अवसर पर सरस्वती ज्ञान मंदिर इंटर कालेज के प्रबंधक अभिषेक शरद, प्रधानाचार्य राखी यादव गिर्राज किशोर आदि विद्यालय के अध्यापक भी मौजूद थे।
- रिपोर्ट – सुशील गुप्ता






