लखनऊ: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने एक बड़ी साजिश को विफल करते हुए चार युवकों को गिरफ्तार किया है, जो विवादित बयानों से सुर्खियों में रहने वाले हिंदू धर्मगुरुओं की टारगेट किलिंग की योजना बना रहे थे। ये आरोपी कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर ‘मुजाहिदीन आर्मी’ गठित करने और देश में शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे।
गिरफ्तार आरोपियों का खुलासा
एटीएस ने सोमवार को चारों आरोपियों को मुख्यालय तलब किया था। पूछताछ के दौरान उनकी खतरनाक मंशाओं का पर्दाफाश होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी सुल्तानपुर के अकमल रजा (या अकरम), सोनभद्र के सफील सलमानी, कानपुर के तौसीफ (या मोहम्मद तौहीद) और रामपुर के कासिम अली के रहने वाले हैं। इनके पास से 5 मोबाइल फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और फोन पे-स्कैनर जैसे सामान बरामद किए गए हैं।
आईजी एटीएस पीके गौतम ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई थी। आरोपी पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठनों से प्रभावित थे और हिंसात्मक जिहाद के जरिए चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने की योजना बना रहे थे। वे हथियारों के दम पर शरिया कानून लागू करने के लिए सोशल मीडिया ग्रुप बनाकर कट्टर विचारों वाले लोगों को भड़का रहे थे। इसके अलावा, वे हिंसक जिहादी साहित्य का संकलन, लेखन और प्रसार कर रहे थे।
मुजाहिदीन आर्मी का मंसूबा
एटीएस के अनुसार, चारों का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या के लिए ‘मुजाहिदीन आर्मी’ बनाना था। वे कट्टर मानसिकता वाले लोगों को जोड़कर इन हमलों को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। साथ ही, वे आतंकी गतिविधियों के लिए हथियार और संसाधनों के लिए फंड जुटा रहे थे। जगह-जगह मीटिंगें आयोजित कर ऑडियो-वीडियो संदेश भेजकर लोगों को उकसा रहे थे।
शुरुआत में आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया, लेकिन सुबूतों के सामने सख्ती से पूछताछ होने पर उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया। एटीएस ने चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की है। अब इन्हें अदालत में पेश करने के बाद पुलिस कस्टडी रिमांड मांगा जाएगा, ताकि उनके अन्य साथियों, मददगारों और फंडिंग स्रोतों का पता लगाया जा सके।
साजिश का बड़ा खुलासा
यह गिरफ्तारी प्रदेश में बढ़ती कट्टरपंथी गतिविधियों के खिलाफ एटीएस की सतर्कता को दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के जरिए फैलाए जा रहे प्रोपगैंडा से युवाओं को गुमराह किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। एटीएस की इस कार्रवाई से एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई है।