फिरोजाबाद: जिले में बारावफात के अवसर पर जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान बिना अनुमति और परंपरा के विपरीत हिंदू बाहुल्य इलाकों में जुलूस निकालने और हुड़दंग मचाने की घटना ने शहर का माहौल तनावपूर्ण कर दिया। यह घटना 6 सितंबर 2025 को हुई, जब कुछ लोगों ने जानबूझकर दुर्गा नगर, दाऊदयाल डिग्री कॉलेज, बोधाश्रम चौराहा, और हुंडावाला बाग गली नंबर 20 जैसे क्षेत्रों में जुलूस निकाला, जो परंपरागत रूप से जुलूस के लिए निर्धारित मार्गों में शामिल नहीं हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जुलूस के दौरान तेज आवाज में नारे लगाए गए, जिससे तनाव बढ़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला गंभीर हो गया।

शुरुआत में पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा। सदर विधायक मनीष असीजा ने शहर के बिगड़ते माहौल को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सौरभ दीक्षित को सूचित किया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। सीओ सिटी अरुण कुमार चौरसिया के नेतृत्व में उत्तर, दक्षिण, रसूलपुर, और रामगढ़ थानों की चार टीमें गठित की गईं। वायरल वीडियो के आधार पर 30 से 35 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनसे उत्तर थाने में पूछताछ चल रही है। सीओ सिटी ने बताया कि जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

खुफिया तंत्र की नाकामी

इस घटना ने पुलिस की खुफिया इकाई (एलआईयू) की कार्यक्षमता पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ लोगों ने शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश रची थी, लेकिन पुलिस और उसकी खुफिया एजेंसियां इसकी पूर्व सूचना प्राप्त करने में विफल रहीं। यह नाकामी तब और उजागर हुई, जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद ही पुलिस को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा।

विधायक का बयान: सामुदायिक सौहार्द पर जोर

सदर विधायक मनीष असीजा ने इस घटना को “घोर आपत्तिजनक” करार देते हुए कहा कि शहर में सभी समुदायों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि दुर्गा नगर जैसे वैश्य बाहुल्य क्षेत्र में पहले कभी जुलूस नहीं निकला, और बिना अनुमति के इस तरह का कृत्य स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सामाजिक तनाव और सोशल मीडिया की भूमिका

जुलूस के दौरान हिंदू बाहुल्य क्षेत्रों में नारेबाजी और हुड़दंग की घटना ने स्थानीय संगठनों और लोगों में आक्रोश पैदा किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को और हवा दी, जिसके बाद सामुदायिक तनाव बढ़ने की आशंका जताई गई। विधायक मनीष असीजा ने सोशल मीडिया पर सक्रिय संगठनों की प्रतिक्रियाओं का संज्ञान लिया और तुरंत पुलिस को सूचित किया।

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