झाँसी: केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन परियोजना में झांसी जिले में देरी की समस्या गहराती जा रही है। तीन अधूरी जल परियोजनाओं का काम अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। बावजूद इसके कि ठेकेदार कंपनी पर करीब 60 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा चुका है, काम में कोई सुधार नहीं आया। अधिकारियों ने अतिरिक्त मैन पावर लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन वह भी अमल में नहीं लाया गया। इस वजह से अगले दो महीनों तक इन परियोजनाओं के पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि, जल निगम के अफसर दावा कर रहे हैं कि निरंतर निगरानी से समय सीमा के भीतर काम पूरा हो जाएगा।
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत 1,465 करोड़ रुपये की लागत से झांसी के 613 गांवों में 2.09 लाख घरों तक पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है। कुल 10 जल परियोजनाओं में से गुलारा, बचावली, तिलैथा, बुढ़पुरा, कुरैचा, पुरवा और बढ़वार समेत सात परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। शेष तीन- इमलौटा, बरथरी और टेहरका- अभी अधूरी हैं। इन अधूरी परियोजनाओं का ठेका नई दिल्ली की बृजगोपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था, जिसे 286 गांवों तक पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
जल निगम अधिकारियों के अनुसार, कंपनी को करीब 550 करोड़ रुपये का काम सौंपा गया था, लेकिन काम की रफ्तार बेहद सुस्त रही। निर्धारित समय सीमा पिछले वर्ष मार्च 2024 तक थी, लेकिन एक साल बीतने के बावजूद कंपनी काम पूरा नहीं कर सकी। देरी के कारण 60 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया गया। अपर जिलाधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया, “फर्म के काम में लापरवाही पर शासन ने जुर्माना लगाया है। अब काम में तेजी आ गई है और अगले दो महीनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा।”
घरेलू कनेक्शन और बुनियादी ढांचा
10 ग्राम समूह जल परियोजना के तहत कुल 2,01,496 घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य है। अब तक 2,00,837 घरों में कनेक्शन किए जा चुके हैं, जबकि 1,44,607 घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। इस योजना में 10 इंटेक वेल, 10 डब्ल्यूटीपी (वाटर ट्रीटमेंट प्लांट), 102 ओवरहेड टैंक, 67 सीडब्ल्यूआर (क्लियर वाटर रिजर्वायर) के साथ 5,907.78 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है।
चुनौतियां और सरकारी कदम
जल जीवन मिशन के तहत पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर तक नल का पानी पहुंचाने का लक्ष्य 2024 तक था, लेकिन कई जगहों पर देरी और गुणवत्ता की समस्याएं सामने आ रही हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजनाओं में लापरवाही पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं, जिसमें पिछले चार वर्षों में 183 अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है।
झांसी में भी इसी दिशा में जुर्माना लगाया गया, लेकिन ठेकेदार कंपनी की सुस्ती से स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही है। जिला प्रशासन ने अब सख्त निगरानी का दावा किया है ताकि बाकी काम समय पर पूरा हो सके। यह देरी न केवल परियोजना की सफलता पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि ग्रामीणों के पेयजल अधिकार को भी प्रभावित कर रही है।
- रिपोर्ट – नेहा श्रीवास