फतेहाबाद/आगरा। आर्यवैदिक महाविद्यालय कुडौल में आयोजित चार दिवसीय गायत्री महायज्ञ में मंगलवार दोपहर श्रद्धा और उत्साह का अनोखा संगम देखने को मिला। यज्ञशाला में 51 जोड़ो ने विधि-विधान से आहुतियां अर्पित कर लोककल्याण और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। यज्ञ के दौरान पूरे परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार की गूंज बनी रही।
कार्यक्रम की मुख्य आकर्षण मंगलवार शाम प्रज्ञा पुराण कथा रही, जिसे हरिद्वार से पधारे सुरेश चंद जी महाराज ने भक्तिभाव से प्रस्तुत किया। महाराज ने कथा में नैतिक जीवन, संस्कारों की महत्ता और गायत्री मंत्र के आध्यात्मिक प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र मन, बुद्धि और चरित्र को प्रकाशमान करने वाला महामंत्र है, जिसे जीवन में अपनाने से सकारात्मक परिवर्तन स्वतः आने लगते हैं।कथा के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और युवा उपस्थित रहे।
आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि महायज्ञ के तहत प्रतिदिन विशेष अनुष्ठान, प्रवचन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।
संवाददाता-सुशील गुप्ता





