जयपुर/राज.।  जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में कक्षा 4 की छात्रा अमायरा ने चौथी मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी थी. इस सनसनीखेज मामले में शिक्षा विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को सौंप दी है. रिपोर्ट में घटना से ठीक पहले कक्षा में हुई गतिविधियों और स्कूल भवन की संरचनात्मक खामियों को हाइलाइट किया गया है, जो कई गंभीर सवाल खड़े करती हैं. जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) रामनिवास शर्मा ने पुष्टि की है कि रिपोर्ट उच्च अधिकारियों के माध्यम से मंत्री तक पहुंचाई गई है.

40 मिनट की क्लास और शिकायत का सच

शिक्षा विभाग की जांच में यह महत्वपूर्ण बात सामने आई है कि घटना से कुछ देर पहले, अंग्रेजी की कक्षा के दौरान, मृत छात्रा अमायरा ने अपने शिक्षक से शिकायत की थी कि अन्य बच्चे उसे परेशान कर रहे हैं. इस शिकायत के बाद, कुछ अन्य बच्चों ने भी अमायरा पर ‘गलत शब्दों के उपयोग’ की शिकायत की, जिसके बाद टीचर ने सभी छात्रों को समझाया. करीब 40 मिनट की क्लास चली. यह शनिवार का दिन था, इसलिए स्कूल जल्दी बंद होना था. दोपहर लगभग 12:27 बजे, अमायरा वॉशरूम जाने का कहकर क्लास से बाहर निकली और फिर यह दुखद कदम उठाया.

क्लास टीचर से जल्द हो सकती है पूछताछ

अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी में ऑडियो रिकॉर्डिंग नहीं है, इसलिए आत्महत्या के कारणों का स्पष्ट पता पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही चल पाएगा. सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में जांच के लिए क्लास टीचर को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.

भवन निर्माण में गंभीर खामियां मिलीं

शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में स्कूल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही भी सामने आई है. रिपोर्ट में स्कूल भवन के निर्माण में खामियों को स्पष्ट रूप से हाइलाइट किया गया है. स्कूल की कक्षा 8 तक की क्लासेस 5 मंजिला भवन में चलती हैं, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार हर मंजिल पर गार्ड तैनात होना चाहिए, जो नहीं थे. रिपोर्ट में सीढ़ियों और नीचे के हिस्से में सुरक्षा जाल (नेट) लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है. इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि छोटे बच्चे खेलते हुए कोई सामान या टिफिन फेंक सकते हैं, या खुद गिर सकते हैं, जिससे नीचे किसी अन्य छात्र को चोट लग सकती है.

21 नवंबर के बाद एक्शन की तैयारी

शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट मिलने के बाद, सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है और 21 नवंबर के बाद इस आधार पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा सकता है.

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