आगरा: आगरा के ताजगंज क्षेत्र से बुधवार दोपहर अगवा की गई चार वर्षीय मासूम गोल्डी को पुलिस ने दिल्ली से सकुशल बरामद कर लिया। करीब 18 घंटे तक गायब रहने के बाद बच्ची को एक मौलवी के साथ दिल्ली से बरामद किया गया। बच्ची की सुरक्षित वापसी से परिजनों और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली।

अपहरण की वारदात

पुरानी मंडी, ताजगंज निवासी मोनू ठाकुर की चार साल की बेटी गोल्डी बुधवार दोपहर करीब 12:45 बजे अपने दादा पप्पू ठाकुर के साथ शाहजहां गार्डन में खेल रही थी। दादा के पानी पीने के दौरान गोल्डी पार्क से निकलकर नगर निगम की गली में चली गई। वहां एक मौलवी ने उसे बहला-फुसलाकर ऑटो में बैठाया और मौके से फरार हो गया।

सीसीटीवी और सर्विलांस का कमाल

बच्ची के लापता होने की सूचना पर परिजन ताजगंज थाने पहुंचे। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की और आसपास के 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में एक युवक बच्ची का हाथ पकड़े ऑटो में बैठता दिखा, जो माल रोड की ओर गया। पुलिस ने रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और शहर के सभी एंट्री-एक्जिट प्वाइंट्स पर अलर्ट जारी किया।

दिल्ली में मिली मासूम

एडिशनल सीपी रामबदन के अनुसार, सर्विलांस टीम ने संदिग्ध की लोकेशन ट्रेस की। 18 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बच्ची को दिल्ली से बरामद किया गया, जहां वह एक मौलवी के साथ थी। मौलवी को हिरासत में लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। वह बार-बार अपने बयान बदल रहा है। पुलिस की एक टीम बच्ची और संदिग्ध को लेकर आगरा लौट रही है।

परिवार में लौटी खुशी

गोल्डी की मां बबली देवी का 18 घंटे तक रो-रोकर बुरा हाल था। वह लगातार थाने जाकर बेटी की तलाश की गुहार लगाती रहीं। बच्ची की वापसी पर बबली ने कहा, “मेरी बेटी मुझे मिल गई, यह मेरे लिए चमत्कार है। पुलिस ने जो मेहनत की, मैं उनका दिल से धन्यवाद करती हूं। मेरी लक्ष्मी वापस आ गई।” स्थानीय लोग भी बच्ची की तलाश में जुटे रहे।

सामाजिक और राजनीतिक सहयोग

भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सोशल मीडिया सदस्य प्रदीप राठौर ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पार्टी कार्यकर्ता पुलिस के साथ तलाश में जुट गए। स्थानीय निवासियों ने भी हर संभव सहायता दी।

अपहरण की मंशा पर सस्पेंस

एडिशनल सीपी ने बताया कि मौलवी से पूछताछ जारी है, लेकिन उसने अपहरण की ठोस वजह नहीं बताई। पुलिस को आशंका है कि बच्ची को किसी गंभीर मकसद से आगरा से बाहर ले जाया गया था। जांच गहराई से चल रही है।

पुलिस की मिसाल

यह ऑपरेशन आगरा पुलिस के लिए मॉडल केस बन गया है। सीसीटीवी, सर्विलांस और टीमवर्क के दम पर 18 घंटे के भीतर बच्ची को सकुशल बरामद करना पुलिस की सतर्कता की मिसाल है। यह घटना बच्चों की सुरक्षा और तकनीक के उपयोग पर जोर देती है।

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