कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर पुलिस कमिश्नरेट से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। शहर की कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी संभालने वाले 161 पुलिसकर्मी पिछले कई हफ्तों से ड्यूटी से गायब हैं। इनमें से कुछ पुलिसकर्मी कुछ दिनों से अनुपस्थित हैं, तो कुछ तीन से छह महीने से ‘लापता’ हैं। पुलिस विभाग ने इनकी तलाश में कई बार नोटिस भेजे, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर अब इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय, लखनऊ को भेज दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के चारों जोन, पुलिस लाइन, यातायात शाखा, और कार्यालयों में तैनात ये 161 पुलिसकर्मी छुट्टी लेकर अपने गृह जनपद गए थे। हालांकि, निर्धारित समय पर ये ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे। विभागीय सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मी महाकुंभ ड्यूटी के बाद से ही गायब हैं। इनमें से कई के मोबाइल फोन बंद हैं, और न तो ये अपने घरों पर मिल रहे हैं और न ही अपने गांवों में।
पुलिस विभाग ने इन कर्मचारियों को वापस बुलाने के लिए उनके गृह जनपदों में दो-दो बार पत्र भेजे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद इन पुलिसकर्मियों को ‘डिसलोकेट’ श्रेणी में डाल दिया गया है, और विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (मुख्यालय) एस.एम. कासिम आबिदी ने पुष्टि की कि लंबे समय तक अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस विभाग में हड़कंप
यह मामला सामने आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर भी इस खबर ने तूल पकड़ा है, जहां लोग इसे पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाला बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जो पुलिसकर्मी गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए जिम्मेदार हैं, वे खुद गायब हैं। यह कानपुर पुलिस की स्थिति को दर्शाता है।”
हालांकि, कानपुर पुलिस ने दावा किया है कि मीडिया में 161 पुलिसकर्मियों के गायब होने की खबर अतिशयोक्तिपूर्ण है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि केवल 53 पुलिसकर्मी अनुपस्थित हैं, और इनमें से कुछ के पास गंभीर पारिवारिक कारण हो सकते हैं, जिनके लिए रियायत दी जा सकती है। लेकिन लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्यों गायब हो रहे हैं पुलिसकर्मी?
पुलिस विभाग में छुट्टियां आसानी से नहीं मिलतीं। जब पुलिसकर्मी अवकाश लेकर जाते हैं, तो कई बार पारिवारिक या व्यक्तिगत कारणों से समय पर ड्यूटी जॉइन नहीं कर पाते। सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मी लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के बाद भी विभाग के नोटिस का जवाब नहीं देते, जिसके कारण उन्हें ‘डिसलोकेट’ श्रेणी में डाला जाता है।
विभाग की कार्रवाई और भविष्य के कदम
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और लापता पुलिसकर्मियों की तलाश के लिए जांच तेज कर दी है। विभाग ने मुख्यालय को भेजी गई रिपोर्ट में सभी गायब पुलिसकर्मियों का ब्योरा शामिल किया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि ये कर्मचारी जल्द ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे, तो उनके खिलाफ निलंबन या बर्खास्तगी जैसी सख्त कार्रवाई हो सकती है।
सोशल मीडिया पर चर्चा
सोशल मीडिया पर इस खबर ने लोगों का ध्यान खींचा है। कुछ यूजर्स इसे पुलिस प्रशासन की लापरवाही बता रहे हैं, तो कुछ ने इसे मजाक का विषय बनाया है। एक यूजर ने लिखा, “पुलिसवाले गायब हैं, अब इन्हें ढूंढने के लिए कौन सी पुलिस लगेगी?” वहीं, कुछ लोगों ने इस मामले को गंभीर बताते हुए पुलिस सुधारों की मांग की है।
कानपुर पुलिस कमिश्नरेट के 161 पुलिसकर्मियों के गायब होने का मामला न केवल विभाग के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाता है। यह घटना पुलिस प्रशासन में अनुशासन और जवाबदेही की कमी को उजागर करती है। विभाग अब इस मामले की गहन जांच कर रहा है, और जल्द ही इस पर ठोस कार्रवाई की उम्मीद है।