हाथरस: देश के इतिहास पुरुष राणा सांगा पर की गई कथित विवादित टिप्पणी अब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन को भारी पड़ती दिख रही है। हाथरस के एमपी/एमएलए कोर्ट में उनके खिलाफ दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई टल गई, लेकिन मामला अब पूरे समाज में उबाल ला रहा है।
अदालत में पेश हुआ मामला, सुनवाई अब 13 मई को
गांव हतीसा निवासी मतेंद्र सिंह गहलोत ने कोर्ट में अर्जी देकर आरोप लगाया है कि सांसद सुमन ने सदन में राणा सांगा को “गद्दार” बताया — और यही नहीं, बाद में अपने बयान को सोशल मीडिया के जरिए दोहराया।
“ये सिर्फ एक टिप्पणी नहीं, पूरे समाज का अपमान है!” — याचिकाकर्ता गहलोत
8 मई को सुनवाई होनी थी, लेकिन पीठासीन अधिकारी की छुट्टी के चलते मामला टल गया। अगली तारीख 13 मई तय की गई है।
दोबारा पुष्टि ने भड़काया मामला!
22 मार्च को जब विवाद उठा तो सांसद सुमन ने अपने बयान पर माफी मांगने के बजाय सोशल मीडिया पर फिर वही बातें दोहरा दीं। आरोप है कि यह सब उन्होंने सस्ती लोकप्रियता, सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय तनाव भड़काने के इरादे से किया।
सीओ सिटी ने भेजी जांच रिपोर्ट
अदालत के आदेश पर मामले की प्रारंभिक जांच कराई गई है। सीओ सिटी द्वारा आख्या भी भेज दी गई है। अब ये मामला महज़ बयानबाज़ी का नहीं, आपराधिक स्तर पर मानहानि और भावनात्मक चोट का मामला बन गया है।
समाज में रोष, कार्रवाई की मांग तेज
वीर राणा सांगा को लेकर की गई टिप्पणी से राजपूत समाज में आक्रोश है। कई संगठनों ने इसे सनातन संस्कृति और वीरता के प्रतीक पर हमला बताया है। प्रदर्शन और धरनों की आशंका जताई जा रही है।
जानिए क्या है सवाल……?
क्या ये सिर्फ एक ‘राजनीतिक बयान’ था या किसी रणनीति के तहत दिया गया ‘सोच-समझकर किया गया हमला’?
13 मई को न्यायालय क्या रुख अपनाता है — ये न सिर्फ इस केस, बल्कि राजनीतिक भाषा की मर्यादाओं पर भी असर डालेगा।