लखनऊ: जिले के सरोजनीनगर में शनिवार शाम साढ़े चार बजे अचानक तबाही का मंजर सामने आया, जब अमौसी स्टेशन रोड स्थित चार मंज़िला रस फैक्टरी धू-धू कर जलने लगी। फैक्टरी में धमाके ऐसे हुए कि आसपास के मकानों की खिड़कियों के शीशे तक चिटक गए, और लोगों के रौंगटे खड़े हो गए।
“आग नहीं, ये तो कयामत थी!”
स्वीटी फूड नाम की इस फैक्टरी में जैसे ही आग लगी, एक के बाद एक विस्फोट शुरू हो गए — केमिकल और ऑक्सीजन टैंक हवा में उड़ने लगे। आग इतनी भीषण थी कि फैक्टरी की दीवारें तक कांप उठीं।
अंदर फंसे मालिक अखिलेश और कर्मचारी अबरार ने जान बचाने की नहीं, आग बुझाने की कोशिश की — लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। दोनों की जिंदा जलकर मौत हो गई।
“फायर ब्रिगेड का फिल्मी स्टाइल में रेस्क्यू!”
14 दमकल गाड़ियों के साथ पहुंची टीम दो हिस्सों में बंटी — एक छत से आग पर काबू पाने में जुट गई, दूसरी नीचे से रेस्क्यू ऑपरेशन में। पांच घंटे तक पानी, फोम और दमकल कर्मियों की जान झोंक कोशिशों के बाद आग पर काबू पाया जा सका।
एसडीआरएफ की टीम जब मौके पर पहुंची, तो धुआं निकालकर वीआर सेट पहनकर अंदर घुसी। केवल दस मिनट में दोनों शव बाहर निकाले — लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
“तीन दिन पहले ही फिर शुरू हुई थी फैक्टरी – और अब खत्म!”
तीन दिन पहले ही बंद पड़ी फैक्टरी फिर से शुरू हुई थी, लेकिन किस्मत को कुछ और मंज़ूर था। सवाल उठ रहे हैं – क्या सुरक्षा के नियम ताक पर रख दिए गए थे? क्या फैक्टरी अवैध रूप से चल रही थी? जांच जारी है, लेकिन इलाके में अब भी दहशत का माहौल है।