आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग में पहली बार आयोजित होने जा रहे समर कैंप को लेकर शिक्षामित्रों में तनाब की स्थिति देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह छौंकर ने कहा है कि समर कैंप में शिक्षामित्रों की ड्यूटी उनकी सहमति से ही लगाई जाए जबर्दस्ती न थोपी जाए अन्यथा संगठन इसका पुरजोर विरोध करेगा जो 80 से 1 लाख प्रतिमाह बेतन पाते हैं वो घर पर आराम से ऐसी की ठंडी हवा का आनंद लें और 10 हजार प्रतिमाह अल्प मानदेय पाने बाले शिक्षामित्र इस 44 डिग्री तापमान में समर कैंप संचालित करें ये हरगिज स्वीकार नहीं होगा संगठन की शासन व प्रशासन से माँग है समानुपात में ही ड्यूटी लगाई जाए।

समर कैंप का संचालन का समय सुबह 7 बजे से 8:30 तक ही किया जाए और अधिकतम 10 दिन का ही समर कैंप का आयोजन किया जाए किसी भी शिक्षामित्र को ड्यूटी के लिए बाध्य न किया जाए शिक्षामित्र पहले से ही मानसिक तनाब में जी रहे हैं। और सरकार ने समर कैंप के लिए जो मानदेय निर्धारित किया है उसे बढ़ाकर 10 हजार किया जाए।

सभी जिम्मेदारी शिक्षामित्रों पर ही न थोपी जाए जिन विद्यालयों में समर कैम्प आयोजित होने हैं सम्बंधित प्रधानाध्यपक को भी उपस्थित रहने के लिए आदेश जारी किया जाए ।बच्चों के अभिभावकों से सहमति पत्र पर लिखित में सहमति अबश्य ली जाए तथा फस्टेड की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए ज्यादातर बच्चे छुटियाँ मनाने अपनी ननिहाल व अन्य स्थान पर चले जाते हैं उपस्थित को लेकर किसी प्रकार का कोई मानसिक दबाव न बनाया जाए । अकेले शिक्षामित्र के कंधों पर ही सभी जिम्मेदारी न थोपी जाए।

  • रिपोर्ट – मुहम्मद इस्माइल

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