मुरैना/मप्र: मुरैना जिले के अंतर्गत जल संरचनाओं से लोगों को पर्याप्त पानी मिल रहा है कि नहीं पता करने के लिए पीएचई विभाग के अधिकारी गांव-गांव जाकर निरीक्षण करें।तुरंत ही खराब हेंडपंपो तथा नल जल योजना के अंतर्गत बंद नल कनेक्शनों को तीन दिवस में चालू करवाया जाए एवं आवश्यकता पड़ने पर राइजर पाइप, मोटर आदि का प्रबंध पहले से ही करके रखें जाए।ये निर्देश कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने सोमवार को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग खण्ड मुरैना के अंतर्गत जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में पीएचई विभाग से जुड़े अधिकारियों को दिये। बैठक में कार्यपालन यंत्री श्री एसएल बाथम, जल जीवन मिशन से श्रीमती नेंनी जैन, उपयंत्री व सहायक यंत्री मौजूद थे।

कलेक्टर श्री अंकित अस्थाना ने बताया कि मुरैना जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरेलू नल कनेक्शन 3 लाख 27 हजार 657 में से 2 लाख 51 हजार 982 प्रदाय घरेलू कनेक्शन दिये जा चुके है।बाकी 75 हजार 675 कनेक्शन शेष है। उन्होंने कहा कि शेष बचे कनेक्शन भी जल्द प्रदाय कर कार्य को पूर्ण करें।कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान नल कनेक्शनों की प्रगति 76.90 प्रतिशत पाई।

कलेक्टर ने निर्देश दिए है कि इन योजनाओं के तहत जो भी कनेक्शन बाकी है उन्हें 30 जून तक पूर्ण कर लिया जाए।उन्होंने कहा कि मुरैना जिले के 22 गांव ऐसे है, जहां गर्मियों में पेयजल की समस्या होती है, वहां के लिये अधिकारी पहले से प्लानिंग करें।जल संरचनायें तैयार करायी कराई जायें, जिसमें तालाब,चेकडेम,अर्धनडेम जैसी जल संरचानायें शामिल होंगी।जिससे वर्षभर गांवो में पानी उपलब्ध हो सके एवं वाटर लेवल भी बेहतर रहे।

कलेक्टर ने बताया कि मुरैना जिले में वाटर लेवल गिरने के कारण 85 हेंडपंप चिन्हित है,जिनमें पानी नहीं आता है , उन हेंडपंपो पर पीला निशान लगाये जिससे उनकी पहचान की जा सके।बरसात के बाद जल स्तर बढ़ने से उनमें पानी रिचार्ज होने के कारण बवह चालू स्थिति में आ सकेंगे।

कलेक्टर ने बताया कि जिले में 19 हजार 225 कुल हेंडपंप स्थापित है, जिसमें 19 हजार 77 हेंडपंप चालू हालत में है। 148 हेंडपंप बंद अवस्था में है, जिनमें 85 गर्मी में वाटर लेवल गिरने की वजह से बंद है, 45 अन्य कारणों से बंद पड़े हुये है और 18 हेंडपंप सामान्य खराबी के कारण सुधार योग्य है।

इन 18 हेंडपंपों में शीघ्र काम करवाकर उनको दुरूस्त कराया जाये। उन्होंने कहा कि उन 22 गांवो में जहाँ पेयजल की समस्या रहती है वहाँ निजी कुएं को चिन्हित कर लिया जाये और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें अधिग्रहण की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाए।

  • रिपोर्ट – मुहम्मद इसरार खान

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