भिंड/मध्य प्रदेश। एमपी एक बार फिर अपनी अजब-गजब कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में है। इस बार मामला इतना अजीब है कि पूरे सोशल मीडिया पर हलचल मच गई है। दरअसल, भिंड जिले के तहसील कार्यालय ने एक ऐसा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जिसमें मृतक का नाम, पता और निवास – तीनों में ‘भिंड’ शहर ही लिखा गया है!
सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके इस ‘भिंड डेथ सर्टिफिकेट’ ने सभी को हैरान कर दिया है। सवाल उठ रहा है – क्या वाकई भिंड शहर की “मौत” हो गई है?
टाइपिंग मिस्टेक या प्रशासनिक लापरवाही?
5 मई को जारी किए गए इस प्रमाण पत्र पर तहसीलदार मोहनलाल शर्मा के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने इसे एक साधारण टाइपिंग मिस्टेक बताया, लेकिन अब बात बिगड़ चुकी है।
प्रशासन ने डेथ सर्टिफिकेट जारी करने वाले लोक सेवा केंद्र के प्रबंधक पर 25 हजार रुपए की पेनल्टी लगाई है। साथ ही, उन्हें कारण बताओ नोटिस भी थमा दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
भिंड के चतुर्वेदी नगर निवासी गोविंद ने अपने पिता रामहेत के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। जवाब में जो दस्तावेज आया, उसमें मृतक का नाम “भिंड”, निवासी “भिंड”, और स्थान भी “भिंड” दर्ज कर दिया गया। यानी पूरे दस्तावेज़ में एक शहर को ही मृत घोषित कर दिया गया।
‘भिंड’ की मौत पर हंगामा

जैसे ही यह अजीबो-गरीब सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। मीम्स, व्यंग्य और आलोचनाओं की बाढ़ आ गई।
प्रशासन की सफाई में भी झलक रही है लापरवाही
तहसीलदार भले ही इसे टाइपिंग एरर बता रहे हों, लेकिन सवाल ये है कि क्या बिना जांचे-परखे ऐसे संवेदनशील दस्तावेज़ जारी कर देना एक छोटी गलती है?
मध्य प्रदेश की कार्यशैली पर यह एक और करारा तमाचा है। जहां एक शहर की “मौत” का प्रमाणपत्र जारी हो जाता है, वहां आम आदमी की दस्तावेज़ों में गलती होना कोई बड़ी बात नहीं लगती। अब देखना है कि इस लापरवाही पर और कितनी कार्रवाई होती है।
- रिपोर्ट – मुहम्मद इसरार खान