कासगंज: जिले में 21 मई की रात आई तेज आंधी और बारिश ने जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। 72 घंटे से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी 300 से अधिक गांवों में बिजली बहाल नहीं हो पाई है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्युत निगम के कर्मचारियों को आपूर्ति सुचारु करने में पसीने छूट रहे हैं।
आंधी के कारण बड़ी संख्या में खंभे टूट गए हैं और पेड़ गिर गए हैं, जिससे विद्युत निगम के सामने आपूर्ति बहाल करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। निगम की टीमें लगातार फॉल्टों को ठीक करने में जुटी हैं। जिला मुख्यालय में मंडी फीडर की बाधित आपूर्ति को शुक्रवार देर रात 4 बजे तक बहाल किया जा सका, लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। जिन क्षेत्रों में तार टूटे थे, वहां आपूर्ति तो बहाल कर दी गई है, लेकिन टूटे हुए खंभों वाले क्षेत्रों में सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है।
सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र
शहरी वितरण खंड क्षेत्र में नदरई क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जहां लगभग 125 गांवों में बिजली का संकट गहराया हुआ है। इस क्षेत्र में 131 खंभे टूटे हैं। इसी तरह, बिलराम क्षेत्र में भी 61 खंभे टूटने से 60 से अधिक गांव प्रभावित हैं। ग्रामीण वितरण खंड क्षेत्र में 100 से अधिक खंभे टूटे हैं, जिससे 100 से अधिक गांवों में कहीं आंशिक तो कहीं पूरी तरह से आपूर्ति प्रभावित है।
ग्रामीणों ने बताया कि बिजली न मिलने से बेहद परेशान हैं। आंधी के बाद से बिजली नहीं है, जिससे पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। प्रेम चंद्र ने कहा कि बिजली न होने से मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे और खेती के काम पर भी असर पड़ रहा है। अधिशासी अभियंता सत्येंद्र गंगवार ने बताया कि पर्याप्त संसाधनों की कमी के कारण दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन टीमें लगातार आपूर्ति बहाल करने में जुटी हुई हैं और काफी क्षेत्रों में आपूर्ति चालू हो चुकी है।