नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के उन्नाव रेप मामले में निष्कासित भाजपा नेता कुलदीप सिंह सेंगर को बड़ी राहत देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि सेंगर को किसी भी हालत में जेल से रिहा नहीं किया जाएगा, क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के अलग मामले में भी सजा काट रहे हैं।
मामले का विवरण
- दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की उम्रकैद की सजा को अपील लंबित रहने तक निलंबित कर सशर्त जमानत दे दी थी, क्योंकि उन्होंने 7 साल 5 महीने जेल में बिता लिए थे।
- इस फैसले को CBI ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, इसे कानून के खिलाफ और पीड़िता की सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
- सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच (चीफ जस्टिस सूर्यकांत सहित) ने CBI की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगा दिया।
- अदालत ने सेंगर को नोटिस जारी कर 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई जनवरी के आखिरी हफ्ते में होगी।
पीड़िता पक्ष की प्रतिक्रिया
- सुनवाई के बाद पीड़ित पक्ष के वकील हेमंत कुमार मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को सख्त निर्देश दिए हैं कि आरोपी को जेल से बाहर न किया जाए।
- पीड़िता और उनके परिवार ने इस फैसले पर खुशी जताई और न्याय व्यवस्था में विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने इसे पीड़िता के लिए बड़ी राहत बताया।
यह हाई-प्रोफाइल मामला महिलाओं की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया पर बहस छेड़ता है। 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को नाबालिग से दुष्कर्म के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जांच जारी है।





