दूर-दूर से आए थे मरीज। पहले पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगे। फिर डॉक्टर के पास लगी कतार में खड़े हो गए। इस पूरी प्रक्रिया में दो घंटे का वक्त लग गया। इसी दौरान पता चला कि डॉक्टर लंच कर रहे हैं। कक्ष को भीतर से बंद कर रखा है। आधा घंटे तक जब डॉक्टर बाहर नहीं आए तो कुछ मरीजों ने दरवाजा खटखटाया।
लाइन में लगे तीन बुजुर्ग ऐसे थे जो शुगर के मरीज थे। कहने लगे कि सुबह खाना खाकर आए थे। दो घंटे का समय बीत गया। शुगर डाउन होने लगी है। अगर कुछ नहीं खाया तो यहीं गश खाकर गिर पड़ेंगे। यहां मौजूद शुगर के दूसरे मरीजों ने इन्हें अपनी जेब से निकालकर टॉफी दी। बिस्किट खिलाया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) संयुक्त चिकित्सालय में इलाज कराने आए कई लोगों के साथ यह स्थिति बनी। यहां पहुंची अमर उजाला की टीम के सामने लोगों ने अपनी पीड़ा बयां की।
केस नंबर – 1
दोपहर के 1.05 बजे बंद था चिकित्सक के कक्ष का दरवाजा, बाहर खड़े थे मरीज
ओपीडी में कमरा नंबर-7 का दरवाजा दोपहर 1:05 बजे बंद था। अंदर डॉक्टर थे। दूरदराज क्षेत्र से आए मरीज आधे घंटे से दरवाजा खुलने का इंतजार कर रहे थे। दरवाजे के सामने बैठे मरीज जब इंतजार करते-करते थक गए, तो दरवाजे के सामने खड़े हो गए। दरवाजा खुलने का इंतजार किया, लेकिन नहीं खुला। इसमें कई मरीज ऐसे थे जो भूख के मारे बेचैन हो रहे थे। सबसे ज्यादा दिक्कत शुगर के मरीजों को हो रही थी।
केस नंबर – 2
सुबह 10 बजे आया मरीज, कक्ष का दरवाजा 1.15 पर खुला
शहर के राठी नगर से आए मरीज अनिल कुमार सक्सेना से नहीं रहा गया तो उन्होंने दरवाजा खटकाया। फिर भी नहीं खुला। अनिल के पैरों में दिक्कत थी। अतरौली क्षेत्र से आए मरीज रामपाल ने बताया कि कई दिनों से पेट में दर्द है। वह 10 बजे से आए हैं, लेकिन उन्हें डॉक्टर नहीं देख रहे हैं, जबकि अन्य मरीजों को देख लिया है। दोपहर 1:15 बजे कमरे का दरवाजा खुला। श्रीकांत शर्मा ने बताया कि वह शुगर के मरीज हैं। शुगर के मरीज ज्यादा देर खाली पेट नहीं रह सकते। लेकिन यहां दो घंटे से दवा का इंतजार कर रहे हैं।
केस नंबर – 3
इंतजार करते-करते पर्चा लगाकर पेड़ के नीचे बैठ गए
दोपहर 12 बजे ओपीडी के बाहर पेड़ के नीचे मरीज-तीमारदार बैठे थे। उन्होंने बताया कि डॉक्टर के यहां पर्चा लगा दिया है। वहां पर घर के एक सदस्य मौजूद हैं, जैसे वह बुलाएंगे, वह जाएंगे। अंदर थोड़ी उमस और गर्मी है, इसलिए पेड़ के नीचे बैठे हैं। दोपहर 12:15 बजे कमरा नंबर 124 में बच्चों की भीड़ थी। 83 मरीज पहुंचे, जिनमें ज्यादातर बुखार और वायरल बीमारी से पीड़ित थे। दोपहर 1:20 बजे तक बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. केके शर्मा ने बच्चों को देखा। उन्होंने कहा कि 10 दिन में पहली बार दो बच्चे पीलिया से पीड़ित थे। दोपहर 1:25 बजे तक कमरा नंबर-101 में मरीजों की भीड़ थी। बाकी अन्य कक्ष में दो-चार मरीज थे। दोपहर 1:30 बजे इंद्रा नगर खैर बाईपास की रहने वालीं सुनीता को डॉक्टर ने बाहर की दवाएं लिखीं, जब वह जन औषधि केंद्र पहुंचीं, तो मेडिकल स्टोर संचालक ने दवा होने के लिए मना कर दिया। बाहर से उन्हें दवाएं लेनी पड़ीं।
डॉ. एमके माथुर, सीएमएस, डीडीयू
डॉ. अनिल कुमार की तबीयत खराब थी। हो सकता है कि लंच करने के लिए दरवाजा बंद कर लिया हो। फिर भी उनसे जानकारी करेंगे।–