एटा: जिले के मेडिकल कॉलेज में शनिवार को जब एक गर्भवती महिला ओपीडी पहुंची, तो वहां मौजूद डॉक्टरों और मरीजों के बीच सन्नाटा पसर गया। महिला ने जो खुलासा किया, उसने सभी को चौंका दिया।
चार माह की गर्भवती इस महिला ने आरोप लगाया कि एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने उसकी जिंदगी में जहर घोल दिया! उसका दावा है कि उसे जो इंजेक्शन लगाया गया, उसी से वह एचआईवी संक्रमित हो गई।
आगरा में हुआ खुलासा, एटा में शुरू हुआ संघर्ष
महिला ने बताया कि कुछ समय पहले आगरा में जांच के दौरान उसे अपने एचआईवी संक्रमित होने की जानकारी मिली। यह सुनते ही उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। लेकिन अब वह सिर्फ अपनी नहीं, बल्कि अपने गर्भ में पल रहे मासूम की जिंदगी की लड़ाई भी लड़ रही है।
मेडिकल कॉलेज ने शुरू किया विशेष उपचार
डॉ. प्रशांत गंगवार, मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक ने पुष्टि की कि महिला का दोबारा एचआईवी टेस्ट किया जाएगा और नियमित रूप से अन्य मेडिकल जांचें भी की जाएंगी ताकि बच्चे को संक्रमण से बचाया जा सके।
डॉक्टरों ने भरोसा दिलाया है कि यदि समय रहते पूरा इलाज हो, तो बच्चा संक्रमण से बच सकता है।
झोलाछाप डॉक्टर कौन? कहां है?
- सबसे बड़ा सवाल अब यह है —
- “कौन है वह झोलाछाप जिसने एक जिंदगी को संक्रमण की सजा दे दी?”
- क्या वह अब भी खुलेआम लोगों को इंजेक्शन लगा रहा है?
- क्या प्रशासन उसे ढूंढ पाएगा?
मौसम ने भी बढ़ाई परेशानी
- इसी बीच मेडिकल कॉलेज में उल्टी-दस्त, खांसी और बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉ. श्रद्धा यादव ने जनता को मौसम से सतर्क रहने की सलाह दी है –
- गर्मी से बचें, शरीर ढककर रखें, और ठंडी चीज़ों से परहेज करें।
कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं…
- यह घटना सिर्फ एक गर्भवती महिला की नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल है —
- जब तक झोलाछाप डॉक्टरों पर सख्ती नहीं होगी, तब तक कितनी और जिंदगियां यूं ही संक्रमित होती रहेंगी?
- रिपोर्ट – सुनील गुप्ता