आगरा। मेट्रो रेल कारपोरेशन के द्वारा मेट्रो रेल निर्माण के लिए आगरा कॉलेज की काफी जमीन अधिग्रित तो कर ली है, लेकिन उसका अभी तक सही मुआवजा नहीं दिया है। इस बात को लेकर शिक्षकों में आक्रोश है। प्राचार्य ने चेतावनी दी है कि दो से तीन दिन में अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो मेट्रो का कॉलेज की जमीन पर चल रहा काम रुकवा दिया जाएगा।

बुधवार को आगरा कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीके गौतम ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि पूर्व प्राचार्य डॉक्टर अनुराग शुक्ला ने बिना प्रबंध समिति से अनुमोदन लिए कॉलेज की जमीन को मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को दे दिया था। जबकि यह जमीन सरकारी नहीं है। उनका यह भी कहना है कि जिस हिसाब से जमीन अधिग्रित की गई है उस हिसाब से करीब 100 करोड रुपए मुआवजा बन रहा है, लेकिन मेट्रो रेल कॉरपोरेशन 16 करोड रुपए देने का ही प्रस्ताव बना रहा है। उन्होंने कहा कि मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने तहसीलदार के साथ मिलकर गलत खसरा नंबर पर कॉलेज की जमीन को दर्शा लिया है।

प्राचार्य प्रोफेसर सीके गौतम का कहना है कि मेट्रो परियोजना अधिकारियों द्वारा धोखाधड़ी से बिना समुचित प्रक्रिया के जमीन को हस्तांतरित कर लिया गया है। इसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आगरा कॉलेज प्राचार्य आवास के पीछे जो जमीन है उस पर कुछ बांग्लादेशी रह रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन से उन्हें हटाने की मांग की। पत्रकार वार्ता में उप प्राचार्य प्रोफेसर पीवी झा, प्रोफेसर भूपेंद्र चिकारा, प्रोफेसर केपी तिवारी, प्रोफेसर गौरव कौशिक, डॉ. पंकज सक्सैना, डॉक्टर शशिकांत पांडे, डॉ. अविनाश जैन, डॉक्टर विकास सिंह, डॉ. रणजीत सिंह आदि शामिल रहे।

 

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