वृंदावन।श्रीबांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर और मंदिर न्यास गठन के खिलाफ विरोध की चिंगारी आज उस समय भड़क उठी, जब उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा मंदिर दर्शन को पहुंचे। सेवायत परिवार की महिलाओं ने काली पट्टी और काले दुपट्टे पहनकर जोरदार नारेबाजी की और मंत्री को ज्ञापन सौंपने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की करते हुए पर्चे और तख्तियां फाड़ डालीं।



सुबह 11:55 बजे मंदिर पहुंचे ऊर्जा मंत्री का सेवायतों और उनकी पत्नियों ने स्वागत करने से साफ इनकार कर दिया। आरती के बाद मंत्री को न तो प्रसादी माला पहनाई गई, न ही पटुका और प्रसाद भेंट किया गया, जो परंपरा के विरुद्ध माना जा रहा है।



पुलिस का रवैया बना आक्रोश का कारण

ज्ञापन देने पहुंची महिलाओं को मंदिर से बाहर निकालने के लिए पुलिस ने जबरन हस्तक्षेप किया। सीओ संदीप सिंह ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के हाथ से तख्तियां छीन लीं और प्रदर्शन पर सख्त चेतावनी दी। इस पर महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने फिर से परिक्रमा मार्ग में पहुंचकर ऊर्जा मंत्री का रास्ता रोकने की कोशिश की।

गेट नंबर 4 से निकले मंत्री, प्रदर्शन जारी

मंदिर में भारी विरोध को देखते हुए एके शर्मा ने तय रास्ते की बजाय गेट नंबर 4 से बाहर निकलना उचित समझा, लेकिन महिलाएं वहां भी पहले से मौजूद थीं। मंदिर सेवायत जुगल किशोर गोस्वामी की गद्दी पर पहुंचे मंत्री को वहां भी विरोध का सामना करना पड़ा। आखिरकार पुलिस सुरक्षा घेरे में मंत्री को वीआईपी मार्ग स्थित कार तक पहुंचाया गया, जहां से वे पागल बाबा बिजलीघर के लिए रवाना हो गए।

चार महिलाओं से की मुलाकात

विरोध के बीच ऊर्जा मंत्री ने चार महिलाओं को विशेष रूप से बुलाकर उनकी बात सुनी। महिलाओं ने कॉरिडोर निर्माण से स्थानीय जीवन, धार्मिक परंपराओं और मंदिर के मूल स्वरूप पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गहरी चिंता जताई। इस पर मंत्री ने भरोसा दिलाया कि “जनता की भावनाओं का सम्मान सर्वोपरि है और किसी भी निर्णय में आमजन की सहमति को प्राथमिकता दी जाएगी।”


आज का विरोध यह दर्शाता है कि बांकेबिहारी कॉरिडोर को लेकर स्थानीय सेवायत समुदाय और आम जनता में भारी असंतोष है। यदि जनभावनाओं को नजरअंदाज किया गया तो यह विवाद और गहराने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

राहुल गौड एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें प्रिंट और डिजिटल मीडिया में कार्य करने का 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा में सक्रिय रहते हुए उन्होंने विभिन्न समाचार माध्यमों के लिए निष्पक्ष और प्रभावशाली रिपोर्टिंग की है। उनके कार्य में स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ और जनसरोकार से जुड़ी पत्रकारिता की झलक मिलती है।

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